आर्कटिक लोमड़ी ने खाने की तलाश में 76 दिन में किया 3506 किलोमीटर का सफर तय, वैज्ञानिक भी हैरान
एक छोटी सी आर्कटिक लोमड़ी ने केवल 76 दिनों में नॉर्वे से कनाडा तक पैदल चलकर वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित कर दिया. इतनी तेज यात्रा पहले कभी दर्ज नहीं की गई थी. लोमड़ी की 3,506 किलोमीटर की यात्रा 26 मार्च, 2018 से स्पिट्सबर्गेन (Spitsbergen) में शुरू हुई, जो स्वालबार्ड (Svalbard) द्वीपसमूह का सबसे बड़ा द्वीप है, जो को मुख्य भूमि नॉर्वे और उत्तर के बीच स्थित है. नॉर्वेजियन पोलर इंस्टीट्यूट और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट फॉर नेचर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने लोमड़ी में उस वक्त जीपीएस फिट की थी जब वो 1 साल की थी.
एक छोटी सी आर्कटिक लोमड़ी ने केवल 76 दिनों में नॉर्वे से कनाडा तक पैदल चलकर वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित कर दिया. इतनी तेज यात्रा पहले कभी दर्ज नहीं की गई थी. लोमड़ी की 3,506 किलोमीटर की यात्रा 26 मार्च, 2018 से स्पिट्सबर्गेन (Spitsbergen) में शुरू हुई, जो स्वालबार्ड (Svalbard) द्वीपसमूह का सबसे बड़ा द्वीप है, जो को मुख्य भूमि नॉर्वे और उत्तर के बीच स्थित है. नॉर्वेजियन पोलर इंस्टीट्यूट (Norwegian Polar Institute) और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट फॉर नेचर रिसर्च (Norwegian Institute for Nature Research) के शोधकर्ताओं ने फिमेल लोमड़ी में उस वक्त जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस फिट की थी जब वो 1 साल की थी. नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट फॉर नेचर रिसर्च के एक शोधकर्ता, अरनॉड टारोक्स (Arnaud Tarroux) ने मंगलवार को नॉर्वे के लॉन्गयेरब्येन (Longyearbyen) के सीटीवी न्यूज चैनल को बताया, "इस तकनीक के साथ अच्छी बात यह है कि यह वास्तविक समय में या वास्तविक समय के करीब लोमड़ी को ट्रैक करता है.
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एक हफ्ते पहले जर्नल पोलर रिसर्च में छपे रिसर्च के अनुसार लोमड़ी बर्फ से ढके समुद्र के 1,512 किलोमीटर से अधिक दूरी 21 दिनों में तय कर ग्रीनलैंड पहुंच गई. अपनी यात्रा के दूसरे चरण में लोमड़ी ने उत्तरपश्चिम को नुनवुत (Nunavut) के एलेस्मेरे (Ellesmere) द्वीप में रोक दिया. स्पॉक्सबर्गेन छोड़ने के ठीक 76 दिन बाद 10 जून 2018 को लोमड़ी एल्समेरी द्वीप पहुंची. नॉर्वेजियन पोलर इंस्टीट्यूट के पर्वतीय शोधकर्ता ईवा फुगली (Eva Fuglei ) ने एक बयान में कहा, "हमें नहीं लगा कि यह सच है. फुगेली ने कहा कि शुरू में उन्हें लगा कि लोमड़ी की मौत हो गई है और उसे एक नाव पर एलेस्मेरे द्वीप पर ले जाया गया है, लेकिन उस समय कोई भी नाव नहीं थी, जिससे यात्रा की जाती थी. टाररोक्स ने कहा', "यह एक दुर्लभ घटना है," जो हमेशा नहीं होती है. लोमड़ी ने जिस गति से यात्रा की उस गति से वैज्ञानिक बहुत आश्चर्यचकित नहीं थे. क्योंकि वह वास्तव में बहुत तेज चल रही थी. कुछ दिन तक तो वह एक दिन में 150 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर रही थी.
छोटी सी लोमड़ी का औसत 46 किमी प्रति दिन था, हालांकि यह एक दिन में 155 किमी कवर करने में कामयाब रही. इस प्रजाति के जानवर ने अब तक का सबसे तेज़ गति दर दर्ज किया गया है, अलास्का में एक वयस्क पुरुष के सबसे ज्यादा दूरी तय करने के मुकाबले ये लोमड़ी 1.4 गुना तेज है. ये बात वैज्ञानिकों ने रिसर्च में बताई है.
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टारोक्स ने कहा कि उन्हें पता था कि आर्कटिक लोमड़ियां बहुत तेज चलती हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह लोमड़ी बर्फ में इतनी तेजी से यात्रा कर पाएगी. "हम जानते थे कि वे एक दिन में 112 किलोमीटर तक चल सकते हैं, यह वास्तव में सबसे तेज़ गति थी जो रिकॉर्ड की गई थी. शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका मानना है कि लोमड़ी जमीन की तुलना में बर्फ की चादरों पर तेजी से यात्रा करती थी, क्योंकि वहां फोर्जिंग के अवसर कम थे.
वैज्ञानिकों ने लोमड़ी के इस सफर में दो विराम के बारे में भी बताया है, जहां लोमड़ी गति की दर प्रति दिन 10 किमी नीचे चली गई. इसका कारण उन्होंने खराब मौसम, समुद्री बर्फ पर शारीरिक बाधाओं को जिम्मेदार ठहराया. ये लोमड़ी अब कहां है इस बारे में किसी को भी नहीं पता है क्योंकि फरवरी 2019 में जीपीएस डिवाइस ने डेटा संचारित करना बंद कर दिया था. शोधकर्ताओं के अनुसार अगर यह लोमड़ी कनाडा में है, उसे अपने खानपान में एडजस्ट करना पड़ सकता है. क्योंकि आर्कटिक लोमड़ियां मुख्य रूप से एलेस्मेरे द्वीप पर नींबू खाते हैं. स्वालबार्ड में लोमड़ी मुख्य रूप से समुद्री चीजें खाती हैं. टारोक्स ने कहा, "जब वे यहां स्वालबार्ड में होते हैं, तो वे गर्मियों के दौरान ज्यादातर समुद्री पक्षियों को खाते हैं और फिर सर्दियों में बारहसिंगा के शवों को यहां-वहां ढूंढते हैं."