यहां मोटी लड़कियों से शादी करना चाहते हैं मर्द, पिला रहे हैं कैमिकल, वजह जानकर हो जाएंगे दंग
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit-Pixabay)

महिलाओं को लेकर आम धारणा यह है कि उन्हें शारीरिक रूप से फिट होना चाहिए. महिलाएं न अत्यधिक मोटी होनी चाहिए न ही अधिक पतली. इसके लिए महिलाएं विशेष डाईट भी फॉलो करती है. लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां पुरुष चाहते हैं कि उनकी पत्नी मोटी हों और इसके लिए यहां महिलाओं को मोटा होने के लिए विशेष डाईट प्लान को अपनाना पड़ता है. यह देश अफ्रीका है जहां पर महिलाओं को आकर्षक बनाने के लिए एक दिन में 16,000 तक कैलोरी की भारी-भरकम डाइट लेने पर मजबूर किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 'चैनल्स 4 अनरिपोर्टेड वर्ल्ड' की नई डॉक्यूमेंट्री में यह चौंकाने वाली कहानी सामने आई है.

मॉरीटेनिया में लड़कियों का मोटा होना संपन्नता और खूबसूरती का सबसे बड़ा पैमाना है और इस पैमाने के अनुरूप ढलने के लिए लड़कियों को तमाम तरह के अमानवीय हथकंडों से होकर गुजरना पड़ रहा है.

यहां लड़कियों का मोटा होना संपन्नता और खूबसूरती का सबसे बड़ा पैमाना है और इस पैमाने के अनुरूप ढलने के लिए लड़कियों को अमानवीय हथकंडों तक से होकर भी गुजरना पड़ता है. मॉरीटेनिया में दो महीने का एक 'फीडिंग सीजन' होता है जिसमें 11 साल की कम उम्र लड़कियों को मोटा करने के लिए ऊंट का दूध, पॉरिएज जैसी चीजें खिलाई जाती हैं ताकि वह वजन बढ़ा सकें और पुरुषों के लिए आकर्षक बन सकें. फीडिंग सीजन में किलो-किलो तक दूध और पॉरिएज खिलाया जाता है. यह भी पढ़ें- लड़कियों को संबंध बनाने से ज्यादा इस चीज में आता है मजा

इन सब में सबसे बड़े दुःख की बात यह है कि यह सब करने के लिए लड़कियों को उनके घर वाले विशेष तौर पर उनकी मां ही मजबूर करती है. इसके पीछे उनका उदेश्य यह होता है कि लडकियां पुरुषों को अधिक आकर्षित करें और उनकी शादी आसानी से हो. मॉरीटेनिया में करीब एक-चौथाई लड़कियों को ज्यादा खाने पर मजबूर किया जाता है. इतनी ज्यादा कैलोरी की डाइट लेने से बच्चियों को डायबिटीज, हार्ट की बीमारियां और किडनी फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है.

मोने ब्रेकफास्ट में 3000 कैलोरी, लंच में 4000 कैलोरी और डिनर में 2000 कैलोरी (कुल 9000 कैलोरी) ले रही हैं जबकि एनएचएस के मानकों के मुताबिक 10 साल की बच्चियों के लिए 1900 कैलोरी की खुराक पर्याप्त है. फीडिंग सीजन में लड़कियों को सबसे पहले एक लीटर ऊंट का दूध पीना पड़ता है और फिर उसके बाद पॉरिज और कॉसकस खाना पड़ता है. 3000 कैलोरी के ब्रेकफास्ट को पचाने के लिए उन्हें सिर्फ दो घंटे का वक्त दिया जाता है.