दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 बीजेपी के खिलाफ चुनाव जीतने के बाद मनोज तिवारी के गाने 'रिंकिया के पापा' पर AAP समर्थक ने लखनऊ में किया डांस, देखें वीडियो

लखनऊ में आम आदमी पार्टी समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी दिल्ली यूनिट के अध्यक्ष और फेमस गायक मनोज तिवारी द्वारा गाए गए लोकप्रिय भोजपुरी गीत रिंकिया के पापा गाने पर डांस किया. चुनाव आयोग द्वारा पहले जारी किए गए रुझानों के बाद मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी ने एक शानदार जीत की ओर इशारा किया, देश भर के AAP कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाले.

AAP समर्थकों ने मनोज तिवारी के गाने रिंकिया के पापा पर किया डांस, (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ में आम आदमी पार्टी (AAP) समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) दिल्ली यूनिट के अध्यक्ष और फेमस गायक मनोज तिवारी द्वारा गाए गए लोकप्रिय भोजपुरी गीत रिंकिया के पापा गाने पर डांस किया. चुनाव आयोग द्वारा पहले जारी किए गए रुझानों के बाद मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी ने एक शानदार जीत की ओर इशारा किया, देश भर के AAP कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाले. लखनऊ में एक ऐसे ही विजय जुलूस का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था, जिस पर AAP कार्यकर्ता और समर्थक रिंकिया के पापा पर नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को देखने के बाद कुछ ट्विटर यूजर ने कहा कि ये क्लिप दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी की निर्णायक हार के लिए अपमानजनक था. यह भी पढ़ें: मनोज तिवारी से दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 पर लोगों ने किए सवाल, ट्विटर यूजर्स ने 'Sixth Sense' Prediction पर शेयर किए फनी मीम्स और चुटकुले

रिंकिया के पापा गाना साल 2012 में रिलीज एल्बम उपरवाली के चक्कर में पार्ट-1 के नाम से रिलीज किया गया था. इस गाने का इस्तेमाल AAP और BJP दोनों ने दिल्ली के प्रचार अभियान के दौरान किया था. उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों के बीच भोजपुरी गीत का प्रयोग समर्थन देने के लिए किया गया, लेकिन केजरीवाल की आप पार्टी समर्थकों ने इस गाने के माध्यम से मनोज तिवारी का मजाक उड़ाया.

देखें वायरल वीडियो:

चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए गए परिणामों में, AAP ने राष्ट्रीय राजधानी की 70 में से 62 सीटें जीत लीं, जबकि, बीजेपी 8 विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित थी. परिणाम 2015 से मामूली भिन्न हैं, जब केजरीवाल ने 67 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी और भाजपा 3 सीटों पर ही सीमित थी.कांग्रेस का हाथ लगातार खाली रहा है.

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