VIDEO: समुद्र में खोया 10 साल का बच्चा, 17 घंटे तक खौफनाक लहरों से अकेले जूझता रहा मासूम, वीडियो में देखें कैसे बची जान
10 साल का बच्चा स्क्विड पकड़ने गया था लेकिन थकान के कारण नाव में ही सो गया और समुद्र में 17 घंटे तक बहता रहा. मछुआरों ने उसे 30 किलोमीटर दूर तैरती नाव में पाया और सुरक्षित बचाव किया. बच्चा सूरज की तेज धूप से झुलस गया था, लेकिन अब वह सुरक्षित है और अपने परिवार के पास लौट चुका है.

दक्षिण चीन सागर में एक चमत्कारी घटना घटी, जिसमें एक 10 साल के बच्चे ने जीवन और मृत्यु के बीच 17 घंटे तक संघर्ष किया. यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगती. दक्षिण चीन के हैनान प्रांत के लिंगशुई काउंटी के इस बच्चे ने समुद्र में अकेले बहते हुए एक पूरी रात और दिन बिताए. आखिरकार, सान्या में मछुआरों की एक नाव ने उसे बचा लिया.
कैसे बह गया बच्चा?
घटना शुक्रवार रात की है, जब यह 10 वर्षीय बच्चा अपने गांव के पास स्क्विड पकड़ने के लिए नाव लेकर समुद्र में गया था. लेकिन थकान के कारण वह नाव में ही सो गया. जब उसकी आंख खुली, तब तक वह लहरों के साथ बहुत दूर बह चुका था. तेज़ हवाओं और ऊँची लहरों के कारण वह नाव को किनारे की ओर ले जाने में असमर्थ था.
राहत की घड़ी: जब मिली ज़िंदगी की उम्मीद
शनिवार शाम को मछुआरों का एक समूह समुद्र में मछली पकड़ने गया था. तभी उन्होंने दूर एक छोटी हरी नाव देखी और किसी के मदद के लिए पुकारने की आवाज सुनी. जब वे पास पहुंचे, तो उन्होंने एक डरा-सहमा बच्चा देखा. बिना देर किए, उन्होंने उसे सुरक्षित नाव में बिठाया और स्थानीय बचाव दल से संपर्क किया.
बचाव अभियान और परिवार से मिलन
सान्या के एक स्थानीय बचाव दल के कप्तान लुओ वेन ने बताया, "शनिवार शाम 5 बजे हमें हमारे मछली पकड़ने गए मेहमानों से एक बचाव अनुरोध मिला. उन्होंने बच्चे को किनारे लाने के बाद हमें सूचित किया और फिर हमने उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया."
इस दौरान, समुद्र में लंबे समय तक रहने के कारण बच्चे की त्वचा सूरज की किरणों से बुरी तरह झुलस गई थी. हालांकि, मछुआरों ने उसे दूध और ब्रेड खिलाया, जिससे उसकी हालत स्थिर हो गई.
30 किलोमीटर की दूरी और खतरनाक समुद्री हालात
रिपोर्ट के अनुसार, जिस जगह से बच्चा निकला था और जहां उसे बचाया गया, उनके बीच समुद्र में दूरी लगभग 30 किलोमीटर थी. बचाव दल के कप्तान ने बताया, "शुक्रवार की रात हैइतांग बे के पास समुद्री परिस्थितियां बेहद खराब थीं. हवा की गति लगभग 6 बल (Force 6) थी और लहरें 1.5 मीटर तक ऊँची उठ रही थीं. ऐसे खतरनाक हालात में एक बच्चा तो दूर, अनुभवी मछुआरों के लिए भी जीवित रहना मुश्किल होता है. लेकिन यह बच्चा बहुत भाग्यशाली रहा."
गांव में चला बचाव अभियान
बच्चे के लापता होने के बाद गांव में हड़कंप मच गया. गांव के पार्टी सचिव लियांग क्यूमिंग ने बताया कि बच्चे को खोजने के लिए बचाव दल बनाए गए थे, जो पूरी रात गांव और तटवर्ती इलाकों में तलाश करते रहे. साथ ही, एक गुमशुदगी की सूचना भी जारी की गई थी.
अब कैसा है बच्चा?
अंततः, जब स्थानीय पुलिस ने बच्चे के परिवार से संपर्क किया, तो उसके माता-पिता उसे लेने पहुंचे. अब वह सुरक्षित अपने घर पर है. गांव प्रशासन ने उसके घर जाकर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए परामर्श दिया और जरूरत पड़ने पर उसे मानसिक स्वास्थ्य सहायता देने की भी योजना बनाई है.