World Photography Day: अतीत को तस्वीरों में कैद करने की कला है फोटोग्राफी! जानें दुनिया की पहली सेल्फी कब और किसने ली!
आज के दौर में फोटोग्राफी महज शौक ही नहीं बल्कि दीवानगी भी बन चुकी है, क्योंकि महंगे डीजिटल कैमरे एवं स्मार्टफोन्स हमारे लिए आसानी से सुलभ हैं, जिनसे खूबसूरत तस्वीरें एवं सेल्फी धडल्ले से खींची जा रही हैं, वीडियो बनाये जा रहे हैं.
आज के दौर में फोटोग्राफी (Photography) महज शौक ही नहीं बल्कि दीवानगी भी बन चुकी है, क्योंकि महंगे डीजिटल कैमरे एवं स्मार्टफोन्स हमारे लिए आसानी से सुलभ हैं, जिनसे खूबसूरत तस्वीरें एवं सेल्फी धडल्ले से खींची जा रही हैं, वीडियो बनाये जा रहे हैं.
पिछले डेढ़ दशकों में तकनीकी दुनिया में जबरदस्त छलांग लगने के बाद आज फोटोग्राफी जुनून बन चुका है. यद्यपि यह बहुत पुरानी कला है, और कई मायनों में एक अद्भुत आर्ट है. आज स्थिति ऐसी हो गई है कि स्मार्टफोन से पल-पल की खींची तस्वीरों के बिना जीवन नीरस-सा लगता है. आप किसी यादगार घटना को कुछ समय तक स्मृतियों के रूप में मस्तिष्क में संजोकर रख सकते हैं, लेकिन फोटोग्राफी की कला आप आपके हर यादगार पलों को संजो कर धरोहर के रूप में रखती है. इस कला में ज्यादा से ज्यादा निखार लाने और लोगों को इससे जोड़ने के लिए प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. आइये इस कला के इतिहास से लेकर वर्तमान तक में आये परिवर्तनों पर एक नजर डालते हैं. यह भी पढ़ें : Onam 2021 Pookalam Rangoli Designs: ओणम पर अपने घर के मुख्य द्वार को रंगोली से सजाएं, देखें फूलों वाली सुंदर और आसान डिजाइन
क्या है इसका इतिहास?
फोटोग्राफी इतिहास में फ्रांस अग्रणी रहा है. वस्तुतः यहीं से फोटोग्राफी की कला अस्तित्व में आयी. 1837 के प्रथम छह माह तक किसी ने सोचा भी नहीं था कि किसी दृश्य, व्यक्ति, वस्तु या जानवर आदि को हूबहू चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है. मगर फ्रांस के वैज्ञानिक लुइस डॉगेर (Louis Daguerre) और जोसेफ नाइसफोर नीपसे (Joseph Nicephore Niepce) ने 19 अगस्त 1837 में इस चमत्कार को साक्षात कर दिखाया. यह दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया मानी जाती है. 2 साल बाद फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंस ने डॉगोरोटाइप प्रक्रिया की अधिकारिक घोषणा की. फ्रांसीसी वैज्ञानिक आर्गो ने 7 जनवरी 1839 को फ्रेंच अकादमी ऑफ साइंस के लिए एक रिपोर्ट तैयार किया. इसके बाद फ्रांसिसी सरकार ने 19 अगस्त 1839 को इस पेटेंट को खरीद लिया. इसीलिए 19 अगस्त के ही दिन विश्व फोटोग्राफी दिवस सेलिब्रेट किया जाता है.
उद्देश्य एवं महत्त्व!
विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य फोटोग्राफी के क्षेत्र में कार्यरत लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना, उनके सुझावों और विचारों को एक-दूसरे के बीच साझा करते हुए सभी को इस कला की और प्रोत्साहित करना है. आज करोड़ों लोग फोटोग्राफी को आजीविका के रूप अपना रहे हैं. ज़ब से यह तंत्र मीडिया से जुडा है, इसका महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ गया है.
विश्व की पहली सेल्फी कब किसने ली?
आम आदमी की जानकारी में ज़ब से स्मार्ट मोबाइल फोन अस्तित्व में आये हैं, लोग सेल्फी के दीवाने बन कर रह गए हैं. लेकिन आप यह जान कर शायद विश्वास नहीं करेंगे की विश्व में सबसे पहली सेल्फी करीब 182 साल पहले ली गई थी. यह सेल्फी लेने वाले शख्सियत थे, अमेरिकन फोटोग्राफर रॉबर्ट कॉर्नेलियस. वस्तुतः रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने अपने कैमरे को एक जगह पर सेट किया और लेंस कैंप को हटाकर फ्रेम में चलते हुए सेल्फी खींची थी. आज इस कला को 5 साल का बच्चा भी सेल्फी के नाम से जानता है.