फोटोग्राफी तकनीक ने मानवता को नई दृष्टि प्रदान करते हुए जानकारी, कला तथा संचार के क्षेत्र में आमूल क्रांति लाई है. स्टिल फोटोग्राफी से लेकर वीडियो फोटोग्राफी तक इस कला खूब विकास किया है. सबसे सबसे महंगा शौक और मुश्किल सी लगने वाली फोटोग्राफी कला स्मार्ट फोन के संरक्षण में आम आदमी का शौक बन चुका है. फोटो और फोटोग्राफी कला की महत्ता को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है. यह दिवस फोटोग्राफर और फोटोग्राफी के प्रति उत्साही लोगों को उनकी कला और उनकी भावनाओं को साझा करने का एक अच्छा अवसर भी प्रदान करता है. आइये जानते हैं विश्व फोटोग्राफी दिवस के महत्व, इतिहास, उद्देश्य और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में.. Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat Time: रक्षाबंधन पर भद्राकाल और राहुकाल के बीच राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, यहां जानें सभी जरूरी बातें
विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास
विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है. इस दिवस की शुरुआत 1839 में हुई थी, जब फ्रांस के लुई दागुएरे और जॉर्ज ईस्टमैन ने फोटोग्राफी के पहले स्थिर और व्यावसायिक रूप से सफल तरीके को प्रस्तुत किया. फोटोग्राफी के प्रारंभिक दिनों में, दागुएरे टाइप (daguerreotype) तकनीक का उपयोग होता था, जो कि एक प्रकार की छवि निर्माण प्रक्रिया थी. 19 अगस्त 1839 को, फ्रांस सरकार ने इस तकनीक को सार्वजनिक कर दिया था और इसे स्वतंत्र रूप से उपयोग करने की अनुमति दी थी. इस दिन को विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में मान्यता दी जाती है. यह दिवस फोटोग्राफी कला के प्रति उत्साही लोगों को बेहतर फोटोग्राफी के लिए प्रेरित करने और इसके माध्यम से समाज, कला और विज्ञान में उसके प्रभाव को उजागर करने का एक अवसर है. विश्व फोटोग्राफी दिवस का उद्देश्य फोटोग्राफी के इतिहास, विकास और उसके महत्व को मान्यता देना है.
विश्व फोटोग्राफी दिवस का महत्व
सारी दुनिया फोटोग्राफी दिवस को ऐसे माध्यम के रूप में मनाता है, जो क्रमशः सदियों से विकसित होता आया है, जिसने कला, विज्ञान, पत्रकारिता और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को प्रभावित किया है. यह फोटोग्राफरों और उत्साही लोगों को एक मंच पर लाने, अपने जुनून को साझा करने, अपने काम का प्रदर्शन करने और दुनिया भर में फोटोग्राफी की सराहना को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है.
पहली फोटो कब, किसने और क्या खींची थी?
दुनिया की पहली फोटो 1826 या 1827 में फ्रांसीसी आविष्कारक जोसेफ नाइसफोर निपस (Joseph Nicéphore Niépce) ने खींची थी. इस ऐतिहासिक फोटो को ‘हेलीोग्राफी’ या ‘हेलियोटाइपी’ कहा जाता है. इसे ‘व्यू फ्रॉम द विंडो एट ले ग्रास’ के नाम से जाना जाता है. इस फोटो में एक खिड़की से बाहर का दृश्य दिखाया गया है और इसे एक विशेष फोटो सेंसिटिव प्लाटिनम पर कैप्चर किया गया था, जो लगभग आठ घंटे के लंबे एक्सपोजर समय के बाद स्थिर हुआ था. इसके बाद फोटोग्राफी की तकनीक और उपकरणों में क्रमशः निरतंर विकास हुए.