World Children’s Day 2025: कब और क्यों मनाया जाता है वैश्विक बाल दिवस? जानें इस दिवस का इतिहास, महत्व और कुछ रोचक फैक्ट्स!
भारत में प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाता है. यह दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इसके 6 दिन बाद 20 नवंबर को वैश्विक बाल दिवस भी मनाया जाता है.
भारत में प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाता है. यह दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इसके 6 दिन बाद 20 नवंबर को वैश्विक बाल दिवस भी मनाया जाता है. वैश्विक बाल दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (UN) ने साल 1954 में की थी, इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों, की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुनिया भर में मनाया जाता है. इस अवसर पर आइये जानते हैं इस दिवस का महत्व, इतिहास एवं इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स.
वैश्विक बाल दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर 1954 को पहली बार वैश्विक बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, इसका मुख्य उद्देश्य था, बच्चों के अधिकारों और कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और दुनिया भर में बच्चों के कल्याण में सुधार करना था. 20 नवंबर 1959 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा पर अपनी स्वीकृति की मोहर लगाई. इसके बाद 20 नवंबर 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाया, जो कानूनी रूप से मान्य दस्तावेज है. साल 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा और कन्वेंशन दोनों को अपनाया. यह भी पढ़ें : Indira Gandhi Jayanti 2025: देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ‘आयरन लेडी ऑफ इंडिया’ क्यों कहा जाता है जानें वे 5कारण!
वैश्विक बाल दिवस का महत्व
वैश्विक बाल दिवस का अवसर विश्व स्तर पर बच्चों के अधिकारों की रक्षा और पूर्ति के लिए वकालत करने और जागरूकता बढ़ाने का एक मंच है. यह बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और शोषण से सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रकाश डालता है. इस दिवस विभिन्न राष्ट्रों के बीच एकता को बढ़ावा देता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक बच्चे की आवाज सुनी जाए और उनके अधिकारों का सम्मान हो. वैश्विक बाल दिवस बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यक्तियों और संगठनों को कार्य करने और योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करता है, इसके साथ ही यह दिन इस बात पर जोर देता है कि हर बच्चों को आगे बढ़ने के लिए समान अवसर और अधिकार मिलना चाहिए, भले ही उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, क्योंकि आज के बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं.
विश्व बाल दिवस के प्रेरक फैक्ट
* साल 1989 में बच्चों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCRC) अपनाया गया, जिसे दुनिया के लगभग सभी देशों ने स्वीकार किया. यह बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और समानता का अधिकार देता है.
* विश्व बाल दिवस की तिथि 20 नवंबर की तारीख दो कारणों से ऐतिहासिक है. प्रथम 1959 में संयुक्त राष्ट्र ने बाल अधिकार घोषणा स्वीकार की. दूसरे, इसके 30 साल बाद यानी 1989 में संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन भी इसी दिन अपनाया गया. इसलिए यह दिन दुनिया भर के बच्चों के अधिकारों का प्रतीक बन गया.
* संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों को खुद अपनी बात रखने का मंच देना है, वह चाहे स्कूल, परिवार या समाज किसी से भी संबद्ध हों.
* दुनिया भर के लाखों बच्चे आज भी पर्याप्त शिक्षा से महरूम हैं, इसलिए यह दिन हर बच्चों को समान शिक्षा-सुलभता और समान अवसरों की ओर ध्यान दिलाता है.