सूर्य-पुत्र शनि का रंग काला क्यों है? उन्हें काले रंग की चीजें ही क्यों चढ़ाई जाती हैं? जानें काले रंग का यह रहस्य!
हिंदू धर्म शास्त्रों में शनि देव को सूर्य-पुत्र बताया गया है. दुनिया को रोशनी देने वाले सूर्य जैसे यशस्वी देव के पुत्र का रंग काला क्यों था? यही नहीं शनि देव को अर्पित करनेवाली वस्तुएं काला तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहा क्यों अर्पित किया जाता है.?
हिंदू धर्म शास्त्रों में शनि देव को सूर्य-पुत्र बताया गया है. दुनिया को रोशनी देने वाले सूर्य जैसे यशस्वी देव के पुत्र का रंग काला क्यों था? यही नहीं शनि देव को अर्पित करनेवाली वस्तुएं काला तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहा क्यों अर्पित किया जाता है.? इस रहस्य को जानने के लिए हमें शनि देव के जन्म की विस्तृत जानकारी होना जरूरी है, तो आइये शनि से जुड़े हर रहस्यों के बारे में...
शनिदेव की पौराणिक कथा
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य देव का विवाह दक्ष प्रजापति की पुत्री संध्या देवी से हुआ था. सूर्य देव और देवी संध्या से तीन संतानें मनु, यम और यमुना पैदा हुई थीं. परंतु देवी संध्या सूर्य देव के तीव्र तेज को सहन करने में असमर्थ थीं. इस वजह से उन्होंने अपनी जगह अपनी छाया को सूर्य देव के पास भेजकर स्वयं पिता राजा दक्ष के घर वापस आ गईं. चूंकि छाया देवी संध्या की छाया थीं, इसलिए उनका रूप, गुण एवं भाव-व्यवहार आदि सभी कुछ संध्या की जैसा ही था. इसलिए सूर्य संध्या और छाया के फर्क को समझ नहीं सकें. यह भी पढ़ें : Guru Purnima 2021: गुरुपूर्णिमा के अवसर पर सचिन तेंदुलकर ने गुरु आचरेकर को किया याद, कहा- सारी यादें वापस आ गईं
छाया देवी भगवान शिव की परम भक्त थीं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अकसर वे कड़ी धूप में एक पैर पर खड़ी कठोर तपस्या करती थीं. शनि जब छाया के गर्भ में आये, तब भी छाया की भगवान शिव के प्रति कठोर तपस्या अनवरत जारी थी. गर्भ में पल रहे शिशु पर छाया देवी ने ध्यान नहीं दिया. गर्भस्थ शिशु की सही देखभाल नहीं होने के कारण जब शनि पैदा हुए तब वे एकदम काले वर्ण के एवं कुपोषित थे. शनि के काले रंग को देखकर सूर्य देव ने उऩ्हें अपना पुत्र मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया. उन्होंने छाया पर आरोप भी लगाया कि तुम्हारे गर्भ से पैदा हुआ यह शिशु किसी और की संतान है. मां पर इस तरह के आरोप सुन कर शिशु शनि को बहुत क्रोध आया. उन्होंने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या शुरु कर दी. बाल शनि की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी प्रकट हुए और उन्होंने शनि को वरदान दिया कि तुम सबसे शक्तिशाली ग्रह बनोगे और तुम्हारी पूजा अनंत काल तक होती रहेगी. तुम न्याय के सच्चे देवता के रूप में जाने जाओगे.
इसीलिए शनि देव को प्रिय हैं काले रंग की वस्तुएं
अपने स्वयं के काले रंग का होने और सूर्य देव द्वारा काले रंग की उपेक्षा के कारण शनि देव को अपना काला रंग अत्यंत प्रिय है. शिव जी के वरदान से शनि अत्यंत शक्तिशाली देव बन गये. तब उन्होंने अपनी इच्छा प्रकट करते हुए कहा कि जो भी भक्त उन्हें काले रंग की वस्तुएं चढ़ायेगा, वे उसकी हर मनोकामना पूरी करेंगे. तभी से शनि देव को शनि भक्त लोहे से बनी चीजें, काला तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, काला चना काला पुतला इत्यादि चढ़ाने की परंपरा जारी है