Water Borne Diseases: क्या है जल जनित बीमारियां? जानें इसके लक्षण एवं उपचार!

इन दिनों देश भर में खूब बारिश हो रही है, कहीं अतिवृष्टि से बाढ़ का प्रकोप आया है, तो कहीं जलजमाव से फल-सब्जियां एवं अन्य खानपान की वस्तुएं भी प्रदूषित हो रही हैं. कुछ जगहों की स्थिति इससे भी जटिल हो गई है, क्योंकि जलभराव के कारण अपशिष्ट उत्पाद (मल आदि) पेयजल में मिल गया है, और लोग वही प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

Fever (img: Pixabay)

इन दिनों देश भर में खूब बारिश हो रही है, कहीं अतिवृष्टि से बाढ़ का प्रकोप आया है, तो कहीं जलजमाव से फल-सब्जियां एवं अन्य खानपान की वस्तुएं भी प्रदूषित हो रही हैं. कुछ जगहों की स्थिति इससे भी जटिल हो गई है, क्योंकि जलभराव के कारण अपशिष्ट उत्पाद (मल आदि) पेयजल में मिल गया है, और लोग वही प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं. इस वजह से जल-जनित तमाम बीमारियां भी लोगों में फैल रही है. भारत जैसे विकासशील देश में ये बीमारियां अमूमन झीलों, टैंकरों, नलों आदि के पानी से पनपती हैं.

आइये जानते हैं जल-जनित पांच प्रमुख बीमारियों एवं इसके उपचार के बारे में..

दुनिया भर में लगभग 2 मिलियन लोग दूषित जल पीते हैं, वहीं भारत जैसे जनसंख्या बहुल देश में हर 10 में एक व्यक्ति शुद्ध, स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल से महरूम रहता है. जल जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दूषित जल तमाम तरह की बीमारियां लाता है, जिसकी वजह से टाइफाइड, हैजा, पेचिश, हेपेटाइटिस A, जियार्डिया, ई कोलार्ड, साल्मोनेला, अमीबियासिस और शिगेलोसिस जैसी बीमारियां फैलती हैं. यह भी पढ़ें : क्या बढ़ती गर्मी से मधुमेह रोगियों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है?

आंत्र ज्वर (Typhoid)

टाइफाइड बुखार विकासशील देशों में प्रचलित एक आम संक्रमण है, जो दूषित भोजन अथवा दूषित पानी के कारण फैलता है. टाइफाइड तेजी से फैलता है और समय पर इलाज नहीं करने से मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

टाइफाइड के लक्षण

तेज बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द, अत्यधिक पसीना आना, भूख में कमी, वजन कम होना, कब्ज इत्यादि.

रोकथाम एवं उपचार

टाइफाइड के लिए टीकाकरण कर इससे सुरक्षित रहा जा सकता है. इश बीमारी से बचने के लिए घर का बना खाना तथा उबला हुआ पानी ही पीना चाहिए. लेकिन टाइफाइड का लक्षण दिखते ही चिकित्सक से उचित इलाज शुरू करवाना चाहिए.

हैज़ा (Cholera)

जल-जनित रोगों की सूची में दूसरी बड़ी बीमारी हैजा या कालरा है, जो विब्रियो हैजा जीवाणु के कारण होती है. हैजा ज्यादातर गरीब वर्ग जिनके पास ना शुद्ध जल की पहुंच है ना ही पौष्टिक भोजन की. दूषित जल अथवा भोजन के कारण फैलने वाली हैजा की बीमारी घातक साबित हो सकती है.

लक्षण

निर्जलीकरण, दस्त, जी मिचलाना, उल्टी, पेट में दर्द, अत्यधिक प्यास, मांसपेशियों में ऐंठन इत्यादि.

रोकथाम एवं उपचार

यदि आप हैजा से अक्सर प्रभावित होने वाले क्षेत्रों की यात्रा करते हैं, तो आपको निवारक उपायों के बारे में पता होना चाहिए. अपने हाथ साबुन से धोएं. गर्म और पूरी तरह से पका हुआ भोजन खाएं. सलाद खाना चाहते हैं तो ऐसे फल और सब्जियां चुनें, जिन्हें धोकर छील लें, और काटें, और केवल शुद्ध पानी ही पीयें. इस बीमारी के दरमियान ज्यादा से ज्यादा जल पीयें, साथ ही ओआरएस पियें. तरल पदार्थ एवं जिंग युक्त तरल पदार्थ लें.

पेचिश

पेचिश भी जल-जनित रोगों में एक है, जो मूलतः आंतों के संक्रमण से उत्पन्न होता है. यह संक्रमण मुख्य रूप से मल एवं असुरक्षित पदार्थों युक्त पानी पीने या प्रदूषित भोजन के संपर्क के कारण होता है. पेचिश की विशेषता गंभीर दस्त के साथ मल में बलगम और खून आना होता है. यदि कोई पेचिश से संक्रमित हो जाता है, तो उसे तुरंत पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए. इलाज में लापरवाही अथवा देर करने से यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. यह बीमारी 4 से 7 दिनों तक रहता है.

लक्षण

बुखार, दस्त, निर्जलीकरण, पेट में दर्द और ऐंठन, मल त्यागने में दर्द, मल में खून, जी मिचलाना, थकान, उल्टी इत्यादि

हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस वायरस का एक प्रकार है, जो दूषित पानी के माध्यम से फैलता है, हेपेटाइटिस ए दूषित पानी और भोजन के सेवन से उत्पन्न होता है. यह जल-जनित रोग पीलिया और यकृत में सूजन का कारण बनता है और अस्थायी रूप से यकृत के कार्य को प्रभावित करता है. हालाँकि, यह संक्रमण घातक नहीं है और अपने आप ठीक हो जाता है.

लक्षण

अचानक बुखार आना, त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया के कारण). थकान, शरीर में दर्द,

हल्के रंग का मल, गहरे रंग का मूत्र, पेट में दर्द (यकृत के पास), समुद्री बीमारी और उल्टी भूख में कमी

रोकथाम एवं उपचार

हेपेटाइटिस ए से बचने के लिए आप टीका लगवा सकते हैं. कमरे के तापमान पर खाना खाने से बचें और गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करें। कच्चा मांस, दुर्लभ मांस, या बहते अंडे न खाएं; स्ट्रीट फूड से दूर रहें. जिस व्यक्ति को हेपेटाइटिस ए हो गया है उसे शराब से बचना चाहिए, आराम करना चाहिए और खूब सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए.

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