हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर पर देवी लक्ष्मी का वास हो, सुख एवं समृद्धि की वर्षा हो, एवं उसके जीवन में कभी कोई कष्ट ना आये. ऐसे में बहुत से लोग वास्तु शास्त्र का सहारा लेते हैं और उसके बताये नियमों का पालन करते हैं. वास्तु शास्त्र में ऐसे कई सहज उपाय बताये गये हैं, जो आपके जीवन की हर समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ आपके जीवन में खुशियां भर सकती है. ऐसा ही एक उपाय है, घर में ताम्र पत्र निर्मित सूर्य का प्रयोग करना. तांबे से बने सूर्य प्रतिमा का क्या लाभ है, और इसे कब, कहां और किस दिशा में लगाना चाहिए? आइये जानते हैं.
तांबे के सूर्य का लाभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में ताम्र-पत्र निर्मित सूर्य लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ सुख, शांति, यश और समृद्धि का वास होता है. इसे ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत माना जाता है. वस्तुतः तांबा एक प्रभावशाली धातु है. तांबे का सूर्य घर में रखने से जिस तरह सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती है, उसी तरह इसके प्रभाव से घर के सदस्यों के बीच सामंजस्य बनाने में भी सहायक होता है. इससे निकलने वाली ऊर्जा घर के वातावरण को शुद्ध और समृद्धि बढ़ती है, इसके प्रभाव से पारिवारिक कलह और तनाव से मुक्ति मिलती है. अगर आप किसी क्षेत्र विशेष में कामयाब होना चाहते हैं तो अपने कार्यस्थल पर तांबे का सूर्य अवश्य लगायें. यह भी पढ़ें : Chauri Chaura Kand 2023: चौरी-चौरा कांड, जिसने ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी! जानें क्यों लोग गांधीजी के खिलाफ थे?
कहां और कैसे लगाएं?
* अगर आपके घर की पूर्व दिशा में कोई खिड़की अथवा दरवाजा नहीं है तो आप इसी पूर्व दिशा की दीवार पर तांबे का सूर्य लगा सकते हैं. ऐसा करने से वह ऊर्जा आपके घर में प्रवेश करती है, जो सूर्य को पूर्व दिशा से मिलनी चाहिए.
* वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दीवार पर तांबे का सूर्य लगाना बहुत शुभ माना जाता है. इसके अलावा लिविंग रूम में भी पूर्व दिशा में तांबे का सूर्य लटकाने से भी घर में सुख एवं शांति का वातावरण निर्मित होता है.
* आप चाहें तो अपने वर्क प्लेस पर भी तांबे का सूर्य लगा सकते हैं. वास्तु के अनुसार वर्क प्लेस पर पूर्व दिशा में तांबे का सूर्य लगाया जा सकता है. ऐसा करने से आपके व्यापार में वृद्धि होती है और नौकरी में निरंतर तरक्की मिलती है.
ऐसा करने से बचें!
* वास्तु शास्त्र के अनुसार तांबे का सूर्य बेडरूम में भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए.
* तांबे के सूर्य को हमेशा साफ करते रहें, वरना इसके नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
* अगर तांबे के सूर्य का कोई भी हिस्सा टूटा हुआ है तो उसका इस्तेमाल नहीं करें, इससे भी लाभ की जगह नुकसान हो सकता है.