केरल का सबसे बड़ा मंदिर त्योहार त्रिशूर पूरम आज से शुरू हो रहा है. यह मलयालम कैलेंडर के अनुसार मेदाम के महीने में पूरम स्टार पर पड़ता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार त्रिशूर पूरम 2019 13 मई से शुरू होता है और 14 मई तक चलेगा. वडक्कुनाथन मंदिर में इस अवसर पर देश विदेश से हजारों लोग शामिल होते हैं. इस उत्सव पर आतिशबाजी, कुड़मट्टम, अन्य सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रमों में पंचविद्यम (पांच वाद्ययंत्रों का एक आर्केस्ट्रा) आदि लोगों के आकर्षण का केंद्र है. अगर आप त्रिशूर पूरम 2019की लाइव स्ट्रीमिंग देखना चाहते हैं, तो यहां देख सकते हैं. त्रिशूर पूरम को केरल के सबसे बड़े मंदिर उत्सव के लिए जाना जाता है और इसे सभी पूरम लोगो की मां कहा जाता है. इस उत्सव की शुरुआत 54 वर्षीय हाथी ‘तेचिक्कोत्तुकावु रामचंद्रन’ ने मंदिर के दक्षिणी प्रवेश द्वार को धक्का को खोल कर की. रामचंद्रन की एक झलक पाने के लिए मंदिर परिसर में 10 हजार से भी ज्यादा लोग एकत्रित हुए थे. आपको बता दें कि अधिकारियों ने इससे पहले इस हाथी को स्वास्थ्य आधार पर उत्सव में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
त्रिशूर में ये उत्सव जोरों-शोरों चल रहा है सभी मलयाली और भारत से बाहर रहने वाले लोग इस पूरे उत्सव की लाइव स्ट्रीमिंग यहां देख सकते हैं.
त्रिशूर पूरम उत्सव की शुरुआत राजा राम वर्मा ने की थी. जिसे केरल में कोचीन राज्य के 17 वीं शताब्दी के शासक शाखन थानपुरन के रूप में जाना जाता है. सदियों से त्रिशूर पूरम आकार और कद में बढ़ता गया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है. केरल टूरिज्म ने त्रिशूर पूरम उत्सव पर एक वीडियो ट्वीट किया जो केरल में मंदिर उत्सव के सार को सही ढंग से दर्शाता है.
Thrissur Pooram, the biggest festival of Kerala is around the corner. Here's a video to jog your memory and help you plan in advance to be a part of this 36 hour-long celebration. pic.twitter.com/B0nPM677VZ
— Kerala Tourism (@KeralaTourism) May 3, 2019
इस उत्सव में सबसे अधिक उत्सुकता 50 हाथियों और पटाखों के प्रदर्शन को लेकर रहती है, जिसकी शुरुआत सोमवार को दोपहर से होगी और मंगलवार को घंटों तक जारी रहेगा.