डेटिंग करते वक्त पार्टनर में दिखे ये 7 लक्षण तो ऐसे साथी से नाता तोड़ लेना ही समझदारी है! जानें क्या हैं वे लक्षण?

यदि आपका पार्टनर आपकी अधिकांश बातों की तर्कहीन आलोचना करता, तो आपको उसके साथ ज्यादा समय तक रिलेशन में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि विवाह के रिश्तों में बंधने के बाद उसकी यह प्रवृत्ति आपके व्यक्तित्व पर कहीं और कभी भी प्रश्न-चिह्न खड़ा कर सकता है, आपके मान-सम्मान को ठेस पहुंचा सकता है. तब आपके मन में यह ख्याल आ सकता है कि सब कुछ समझते हुए भी आपसे यह गलती कैसे हुई?

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: क्या किसी मुद्दे विशेष के कारण आपको अपने पार्टनर (Partner) से ब्रेकअप (Breakup) कर लेना चाहिए? जिसके साथ आप विवाह (Marriage) करके घर बसाने का सपना संजोये हुए हैं? दो प्यार करने वाले किसी भी कपल्स (Couples) के लिए यह कठिन फैसला हो सकता है. क्योंकि आप एक सफल दंपति के रूप में निश्छल एवं सुखद भविष्य चाहते हैं तो दोनों को एक दूसरे के प्रति सम्मान एवं समर्पण की जरूरत है, वरना हालात बिगड़ने से पहले अलग हो जाना समझदारी है. यहां 7 ऐसे तथ्य दिये जा रहे हैं, जिनके आधार पर आप तय कर सकते हैं कि आपको रिश्ते में बने रहना चाहिए या समय रहते अलग हो जाना चाहिए. Dating Tips: लड़कियों को ये सब सुनने में आता है बहुत मजा, लड़के ध्यान से पढ़े

* निरंतर आलोचना (Constant criticism)

यदि आपका पार्टनर आपकी अधिकांश बातों की तर्कहीन आलोचना करता, तो आपको उसके साथ ज्यादा समय तक रिलेशन में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि विवाह के रिश्तों में बंधने के बाद उसकी यह प्रवृत्ति आपके व्यक्तित्व पर कहीं और कभी भी प्रश्न-चिह्न खड़ा कर सकता है, आपके मान-सम्मान को ठेस पहुंचा सकता है. तब आपके मन में यह ख्याल आ सकता है कि सब कुछ समझते हुए भी आपसे यह गलती कैसे हुई?

* निंदा (Contempt)

यह बात आपको लंबे समय से महसूस हो रहा है कि आपका पार्टनर आपकी बातों को नजरंदाज कर रहा है, या आपके साथ रूखा व्यवहार कर रहा है, तो यह प्रत्यक्ष रूप से आपकी निंदा करना जैसा कहा जा सकता है. एक मनोविज्ञान के प्रोफेसर के अनुसार साथी पार्टनर की भावनाओं को खारिज करने से लेकर उसे बेसिर पैर के नाम से संबोधित करना मसलन ‘बेवकूफ’ अथवा ‘मूर्ख’ जैसे नाम से संबोधित करना किसी भी रिश्ते के लिए स्वस्थकर नहीं कहा जा सकता. यदि समय रहते वह अपने व्यवहार में सुधार नहीं लाता है तो उसे अलविदा कहने में समय मत गंवाइये.

* बचाव (Defensiveness)

आप अपने पार्टनर से किसी विषय पर तर्क करते हैं, लेकिन वह प्रत्योत्तर में रक्षात्मक होने लगे अथवा दूसरी दलीलें देकर आप पर आक्रामक होकर आपकी ही शिकायत करने लगता है. ऐसे साथी आपका जीवन भर साथ नहीं दे सकते. समय के साथ यह इस तरह की टकराहट होती ही रहेगी, लिहाजा जिंदगी को नर्क बनाने से पहले उससे छुटकारा पा लें. उदाहरण के लिए अगर आप अपने पार्टनर से कहती हैं कि आपका बिस्तर पर इस तरह गंदे कपड़े फेंकना अच्छी बात नहीं, और आपका पार्टनर प्रत्योत्तर में कहे कि तुम कहां अच्छे खाना बनाती हो. तर्क या बहस का यह स्वस्थ तरीका नहीं है. वह आपकी कमियों को कभी और बता सकता है.

* निजता का उल्लंघन (breach of privacy)

अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपकी जासूसी कर रहा है, ऑफिस अथवा शॉपिंग के समय वह आप पर नजर रखता है तो ऐसे व्यक्ति भरोसे के काबिल नहीं हो सकते. इस संदर्भ में रूसो का कहना है कि अगर आपका साथी आपकी निजता का उल्लंघन कर रहा है तो बेहतर होगा उससे रिश्ता तोड़ लें. या फिर उसे मौका देकर देखें कि उसमें सुधार आया या नहीं. हालांकि आपकी यह कोशिश व्यर्थ ही जायेगी. आप जीवन में नये सिरे से मूव करिये.

* शारीरिक शोषण (Physical abuse)

अगर आपको लगता है कि आपका मित्र जरूरत से ज्यादा आपको शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है, वह चाहे सेक्सुअल हो अथवा हिंसा. ऐसे व्यक्ति जीवन भर आपको यूं ही प्रताड़ित करते रहेंगे. ऐसे लोग अच्छे जीवन साथी नहीं बन सकते. सुप्रसिद्ध दर्शन शास्त्री स्लॉटर का कहना है कि हिंसक प्रकृति निरंतर बढ़ रही है, समय के साथ ये और अधिक हिंसक होते जाते हैं. इसलिए ऐसे लोगों से मधुर रिश्तों की उम्मीद ही बेमानी है.

* धोखा (Cheating)

जिसके साथ आप विवाह कर अपनी दुनिया में खुशहाली लाने का सपना देख रहे हैं, अगर वह आपके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी करता है, तो आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप उसके साथ रहना चाहते या चाहती हैं कि नहीं. अगर आप उसे एक मौका देना चाहते हैं, तो देकर देख लीजिये. वरना ऐसे लोग अपनी प्रवृत्ति नहीं छोड़ते. आपको उससे बार-बार धोखा मिल सकता है, जिसके कारण आप मानसिक रूप से टूट सकते हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि उससे हमेशा के लिए नाता तोड़ लें.

अगर आप लोगों की सोच दो विपरीत धाराओं वाली है? यानी एक विवाह कर घर बसाना चाहता है, दूसरा रिश्तों को महज जरूरत की तरह इस्तेमाल करना चाहता है, वह अपने अन्य विकल्प खुले रखना चाहता है तो यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आपकी सोच, आपका नजरिया नदी के दो तटों की तरह हैं, जिनसे एक होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. आगे चलकर आये दिन बेमेल बातें होती रहेंगी, इसलिए ऐसे रिश्ते को वैवाहिक रिश्तों में बदलने की भूल हरगिज नहीं करें.

Share Now

\