गुरुवार से शुरू हो रहा है पवित्र माह सावन, जानें इस माह क्या करें और किन कामों से बचें?
गुरु पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही सावन का पवित्र महीना शुरू हो जायेगा. सनातन धर्म के अनुसार यह पूरा माह भगवान शिव एवं उनके परिवार को समर्पित माना जाता है. शिव-भक्त इस पूरे माह भगवान शिव की पूजा करते हैं, तथा शिव मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल अथवा दूध अर्पित करते हैं.
गुरु पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही सावन का पवित्र महीना शुरू हो जायेगा. सनातन धर्म के अनुसार यह पूरा माह भगवान शिव एवं उनके परिवार को समर्पित माना जाता है. शिव-भक्त इस पूरे माह भगवान शिव की पूजा करते हैं, तथा शिव मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल अथवा दूध अर्पित करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से उनके सारे कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं.
सावन मास में अधिकांश शिव भक्त प्रतिदिन शिवलिंग पर जल एवं बिल्व-पत्र एवं पुष्पादि अर्पित करते हैं, जबकि बहुत से लोग सावन के सभी सोमवार को व्रत एवं शिव-पार्वती की पूजा करते हैं. मान्यता है कि सावन मास में शिवजी की पूजा और शिवलिंग पर जल अर्पित करने से जातक के जीवन के सारे कष्ट और पाप मिट जाते हैं. शिव पुराण एवं अन्य पुराणों में सावन मास भगवान शिव को समर्पित माना गया है. श्रावण के सोमवार को शिवजी का तो सावन के हर मंगलवार को माँ मंगला गौरी (पार्वती) को समर्पित दिन माना गया है. मंगलवार को अधिकांश सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती की कामना के साथ मंगला गौरी का व्रत एवं पूजा रखती हैं. सनातन धर्म में श्रावण मास को साल का सबसे पवित्र माह माना जाता है. इसलिए प्रत्येक शिव-भक्तों को इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि उन्हें क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए. यह भी पढ़ें : Guru Purnima 2022 Messages: हैप्पी गुरु पूर्णिमा! इन हिंदी WhatsApp Greetings, Facebook Wishes, Quotes, GIF Images के जरिए अपने गुरु का जताएं आभार
सावन माह में ये कार्य अवश्य करें!
* सावन माह में सोमवार को व्रत रखने वालों को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर शिवमंदिर जाना आवश्यक होता है. मंदिर में गंगाजल, शहद, शक्कर, दूध एवं दही से निर्मित पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक जरूर करना चाहिए.
* सावन मास में रुद्राक्ष पहनने से तमाम संकटों से सुरक्षित रहते हैं. रुद्राक्ष की माला से जाप करना भी पुण्यदायी होता है.
* सावन मास के सोमवार को पूजा के दरम्यान महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत लाभकारी माना जाता है. ऐसा करने से किसी भी तरह की बीमारियां नहीं आतीं.
* सावन के सोमवार का व्रत रखने वालों को पूजा के दरमियान और शिवजी की आरती से पूर्व सोमवार व्रत कथा का पाठन अवश्य करना चाहिए.
* शिवजी की पूजा अथवा शिवलिंग पर अभिषेक इत्यादि कर्मकांड सुबह की पहली बेला में ही करना ज्यादा श्रेयस्कर माना जाता है.
* सावन के पवित्र माह में सोमवार को रुद्राभिषेक करने से पूरे साल घर में सुख और संपत्ति में वृद्धि के साथ घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है.
भूल कर भी ना करें ये कार्य!
* सावन के व्रत में किसी भी प्रकार के अनाजों (गेहूं, चावल, दाल, मक्का इत्यादि) के सेवन से बचना चाहिए.
* व्रत रखने वालों को पूरे श्रावण मास में प्याज, लहसुन अथवा मूली जैसी सब्जियों से दूर रहना चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार ये तामसिक भोजन के रूप में जाने जाते हैं.
* सावन माह में शराब अथवा किसी भी नशे का सेवन नहीं करना चाहिए.
* इस पूरे माह बहुत से शिवभक्त दाढ़ी अथवा बालों की कटिंग भी नहीं करवाते हैं.
* अगर आपने सावन के पूरे मास अथवा सोमवार एवं मंगलवार को व्रत शुरू किया है तो कोशिश करें व्रत बीच में खंडित नहीं हो. कोशिश करें कि पौष्टिक चीजों का सेवन कर अच्छा सेहत बना कर रखें. हिंदू शास्त्रों में खंडित व्रत का कोई मूल्यांकन नहीं होता.