Surya Grahan 2023: सूर्य ग्रहण इन राशिवालों को करेगा प्रभावित? जानें ग्रहण कैसे करेगा सोने को प्रभावित? जानें ग्रहण की पौराणिक कहानी!
Surya Graha

इस वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लग रहा है. खगोल शास्त्रियों के अनुसार साल का यह पहला सूर्य ग्रहण विश्व के कुछ ही हिस्सों से दिखाई देगा. भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा, लेकिन ज्योतिषियों का मानना है कि कुछ राशि के जातकों पर अनुकूल तो कुछ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. यहाँ ज्योतिषाचार्य आचार्य भगवत जी महाराज बता रहे हैं, इस सूर्य ग्रहण का किस राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, और जानें एक रोचक कथा के माध्यम से कि ग्रहण से राहु और केतु का क्या संबंध है.

इन राशि के जातकों के लिए प्रतिकूल हो सकता है सूर्य ग्रहण

मेष राशिः साल का यह पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि को प्रभावित कर सकता है. आचार्य के मुताबिक मेष राशि के जातकों के जीवन में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं. इन्हें मानसिक अथवा शारीरिक पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है. इस राशि के लोगों को व्यवसाय अथवा नौकरी में कुछ संकट आ सकते हैं, जिसका समाधान समय के साथ हो जायेगा.

सिंह राशिः सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, इसलिए इस राशि के जातकों को भी अपने हर कामकाज में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ सकती है. आपके काम काज के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं. कुछ छोटी-मोटी समस्याएं आपको परेशान करेंगी. आपके लिए बेहतर होगा कि आप संयम बरतें, अपने अधिकारियों से मित्रवत रहें, व्यवसाय संबंधी मामलों में सोच-समझ कर निर्णय लें. यह भी पढ़ें : Baisakhi 2023: कब मनाई जाएगी बैसाखी 13 या 14 अप्रैल को? जानें पर्व का महत्व, सेलिब्रेशन और इसका इतिहास!

कन्या राशिः कन्या राशि पर भी यह सूर्य ग्रहण विपरीत प्रभाव डाल सकता है. यह ग्रहण कन्या राशि के आठवें भाव में पड़ रहा है. जो जातक को मानसिक तनाव, निराशा, व्यवसाय अथवा नौकरी में असफलता का सामना करना पड़ सकता है. आपको भी पूरे धैर्य के साथ इन हालातों का सामना करना होगा.

वृश्चिक राशिः वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए सूर्य ग्रहण प्रतिकूल परिणाम लेकर आ रहा है. आपके जीवन में एक के बाद एक परेशानियां आएंगी. अंतरंग संबंधों में सवालिया निशान बने रहेंगे. परिवार के संबंध में लिए गए फैसले गलत साबित हो सकते हैं. सामाजिक दृष्टिकोण से भी कुछ नुकसान होने की संभावनाएं बन रही हैं. धैर्य के साथ अच्छे समय का इंतजार करें. शीघ्र कष्ट दूर होंगे.

सोने के दाम बढेंगे

ग्रहण काल में बुध के सूर्य, चंद्रमा और राहु से युति होने के कारण सोने के दामों में जबरदस्त उछाल की संभावना बन रही है. स्टॉक मार्केट में भी उथल-पुथल बनी रहेगी.

क्या है ग्रहण की पौराणिक कथा

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार जब देव और दानव के बीच समुद्र मंथन के दरम्यान अमृत कलश निकला तो अमृत वितरण के समय स्वरभानु नामक दानव ने अमृत पीने की लालच में अपना रूप बदलकर देवताओं की पंक्ति में सूर्य एवं चंद्रमा के बीच बैठ गया. लेकिन सूर्य और चंद्रमा ने स्वरभानु को पहचान लिया और भगवान विष्णु को बताया. लेकिन तब तक स्वरभानु अमृत की कुछ बूंदे गले में उतार लिया था. भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया. इस तरह उसके धड़ और सिर दोनों ही भागों को अमृत मिलने के कारण वह अमरता को प्राप्त हो चुका था. उसके सिर के भाग को राहु एवं धड़ के हिस्से को केतु का नाम मिला. मान्यता है कि सूर्य एवं चंद्रमा द्वारा स्वरभानु की सच्चाई उजागर करने से राहु केतु उनसे नाराज हो गये थे. किंवदंतियां हैं कि राहु और केतु के कारण सूर्य एवं चंद्र ग्रहण लगता है.