Shrawan Somwar 2024: सावन के पहले सोमवार पर बन रहे हैं कुछ दिव्य योग! जानें शिवजी को क्यों माना जाता है विवाह का देवता!

सनातन धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है. पौराणिक ग्रंथों में यह माह साल का सबसे पवित्र माह बताया गया है, क्योंकि शिव पुराण में वर्णित है कि भगवान शिव सावन मास बहुत प्रिय है, इसलिए हर शिव भक्त को सावन मास का बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है.

Shrawan 2024 (img: file photo)

सनातन धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है. पौराणिक ग्रंथों में यह माह साल का सबसे पवित्र माह बताया गया है, क्योंकि शिव पुराण में वर्णित है कि भगवान शिव सावन मास बहुत प्रिय है, इसलिए हर शिव भक्त को सावन मास का बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है. इस बार शिव भक्तों के लिए अच्छी खबर यह है कि सावन के पहले सोमवार पर पांच बहुत शुभ योग बन रहे हैं, इन शुभ योगों में भगवान शिव एवं देवी पार्वती की कृपा से सुख, शांति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. आइये जानते हैं सावन का यह पहला सोमवार शिव-भक्तों के लिए किस तरह खास होने वाला है.

सावन सोमवार व्रत का महत्व

सावन महादेव को समर्पित महीना है. दैवयोग से इस वर्ष सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है. इस सावन में कुल पांच सोमवार पड़ रहे है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या किसी तरह की अड़चनें आ रही हैं तो भगवान शिव की पूजा से वे सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, क्योंकि शिव पुराण में भगवान शिव को विवाह का देवता माना जाता है. इसी आस्था एवं विश्वास के साथ सावन माह में अधिकांश कुंवारी लड़कियां अच्छे जीवन साथी के लिए भगवान शिव की पूजा एवं व्रत रखती हैं. भगवान शिव को पंचामृत अर्पित करती हैं. यह भी पढ़ें : Guru Pradosh Vrat 2024: साल के पहले गुरु प्रदोष पर बनेंगे इतने शुभ योग! जानें हर योग का क्या है पुण्य-फल!

सावन के पहले सोमवार पर बन रहे योग और उनका महात्म्य

आयुष्मान योगः आम भाषा में ‘आयुष्मान’ शब्द का प्रयोग अकसर बड़े-बुजुर्गों द्वारा ‘आयुष्मान भव’ यानी ‘दीर्घायु हो’ के रूप में दिया जाता है. अर्थात सावन के पहले सोमवार जैसे शुभ अवसर पर आयुष्मान योग में भगवान शिव एवं देवी पार्वती की पूजा अनुष्ठान से अमोघ फल की प्राप्ति हो सकती है.

नवम पंचम योगः ज्योतिषियों के अनुसार सावन के पहले सोमवार को शश राजयोग बन रहा है. इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहने वाले हैं. शश योग के स्वामी भगवान शिव के शिष्य शनि देव हैं. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से शनि का अशुभ कम रहता है. इस योग में शिवजी की पूजा करने से नौकरी-व्यवसाय में लाभ तथा सेहत अच्छी रहती है, जातक दीर्घायु होता है.

सर्वार्थ सिद्धि योगः ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस योग में किये गये सभी कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न होते हैं. इस योग में भगवान शिव एवं देवी पार्वती की विधि-विधान के साथ पूजा एवं अनुष्ठान आदि करने से व्यवसाय, नौकरी, शिक्षा अथवा कोई भी शुभ कार्य शुरू करने में बड़ी सफलता मिलती है.

प्रीति योगः प्रीति योग के स्वामी स्वयं श्रीहरि हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार प्रीति योग सदा मंगलकारी और भाग्योदय के लिए जाना जाता है. इसलिए इस योग में भगवान शिव एवं देवी पार्वती की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है, साथ ही शुभता प्राप्त होती है. सखा-संबंधियों से चल रहा विवाद एवं मनमुटाव खत्म होता है.

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