Sehat 2021: घर पर 'प्रोनिंग' से बढ़ाएं ऑक्सीजन लेवल! जानें क्या है प्रोनिंग? दिन में कितनी बार करें?
देश में कोरोना की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. प्रत्येक दिन 3 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से स्थिति और भी विस्फोटक हो गई है.
प्रोनिंग: देश में कोरोना की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. प्रत्येक दिन 3 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से स्थिति और भी विस्फोटक हो गई है. देश के लगभग हर कोविड अस्पतालों ऑक्सीजन सीलिंडर (Oxygen Cylinder) की किल्लत बताई जा रही है. सैकड़ों मरीज समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं. ऐसे में चिकित्सक उन मरीजों को प्रोन पोजीशन (Prone Position) यानी पेट के बल लेटने का सुझाव दे रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि जनका ऑक्सीजन लेवल 94 से कम है, उन्हें समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने की स्थिति में प्रोन पोजीशन में लिटाना चाहिए, इससे काफी हद तक मरीज के ऑक्सीजन लेबल को सामान्य लाया जा सकता है. आखिर क्या है प्रोन पोजीशन? और इससे कैसे बढ़ सकता है ऑक्सीजन लेबल? इस संदर्भ में गुड़गांव स्थित एक प्राइवेट अस्पताल के डॉ सुमित क्या कहते हैं आइये जानें.
दिल्ली समेत देश के हर शहरों में कोरोना संक्रमित की बढ़ती तादाद के कारण अस्पताल में बेड के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलिंडर की भारी किल्लत चल रही है. इस वजह से कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है. इस संदर्भ में गुड़गांव स्थित म्योम अस्पताल के चिकित्सक डॉ सुमित बताते हैं कि हर अस्पताल में ऑक्सीजन का एक तय कोटा होता है. कभी-कभार थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होता है तो अस्पताल मैनेजमेंट व्यवस्था कर लेते हैं. लेकिन जिस संख्या में मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं, उस तादात में अस्पतालों में ना बेड हैं, ना ऑक्सीजन और ना ही स्टाफ हैं. ऐसी स्थिति में अगर कोरोना पेशेंट को प्रोन पोजीशन में लिटाया जाये तो काफी हद तक ऑक्सीजन लेबल को सामान्य लेबल पर लाया जा सकता है. यह भी पढ़ें : सेहत 2021: कीटो डायट, स्लिम-ट्रिम का यह नुस्खा कितना लाभकारी या कितना हानिकारक हो सकता है? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉ गुप्ता बताते हैं कि अगर मरीज का ऑक्सीजन लेबल 94 से नीचे आ जाता है, और अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं, तो मरीज को लेकर इधर-उधर भागने के बजाय घर पर ही उसका ऑक्सीजन लेबल बढ़ाने की कोशिश की जाये तो काफी हद तक मरीज को बचाया जा सकता है. इन दिनों कोविड मरीज को प्रोन पोजीशन देना काफी कारगर साबित हो रहा है.' मरीज को दिन में कितने समय तक क्रोम पोजीशन में लेटना चाहिए? डॉ गुप्ता बताते हैं कि मरीज को प्रतिदिन दो से तीन बार लगभग आधे से पौने घंटे के लिए इस पोजीशन में लिटाना चाहिए. ऐसा करने से मरीज का फेफड़ा (lungs)फैलता है, वेंटिलेशन परफ्यूजन इंडेक्स में सुधार आता है, और मरीज का ऑक्सीजन लेबल सामान्य होने लगता है. अगर स्थिति सामान्य नहीं होती तो फिर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए.
ऐसे करें प्रोनिंग
पेट के बल लेटकर गर्दन के नीचे एक तकिया, पेट-घुटनों के नीचे दो तकिए और एक तकिया पंजों के नीचे रखते हैं. दिन में तीन बार 40 से 45 मिनट तक ऐसा करना चाहिए. इससे फेफड़ों में रक्त संचार सुचारु होता है, और फेफड़ों में मौजूद फ्लुइड का प्रसार बढ़ता है तथा ऑक्सीजन का लेबल सामान्य होने लगता है. इससे 80 प्रतिशत तक लाभ वैंटिलेटर जैसा ही मिलता है.
नोट- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए और लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं, इसलिए लेख में दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.