Sawan 2019: सावन सोमवार के व्रत में फलाहारी व्यंजनों का लें जायका, ये सेहतमंद भी हैं और स्वादिष्ट भी
सावन 2019 (Photo Credits: File Image)

एक समय था, जब पर्व अथवा पूजा विशेष के अवसर पर व्रत करने पर एक ही समय फलाहार के सेवन की परंपरा थी. इन व्रतों में अमूमन सिंघाड़े के आटे की पूरी, हलवा, साबूदाने की खिचड़ी, टिक्की, आलू के व्यंजनों की परंपरा थी. आज उपवास के फलाहार के नाम पर विविध व्यंजन ऑन लाइन पर उपलब्ध हैं, ये बहुत ज्यादा महंगे नहीं होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होते थे, साथ ही ऑर्डर देने के आधे घंटे के भीतर डायनिंग टेबल पर सज जाते थे, लेकिन फास्ट फूड में मिलावट की शिकायतें आने के पश्चात एक बार फिर घर में ही फलाहारी व्यंजन बनने शुरू हो गये. ये जायकेदार होने के साथ-साथ सेहतमंद भी होते हैं. आइये चलें कुछ ऐसे ही जायकेदार व्यंजनों लुत्फ उठाएं.

फलाहारी मिक्चर

सामग्री: आधा कटोरी आलू की कच्ची सेव, आधा कटोरी साबूदाना, एक कटोरी मूंगफली के दाने, थोड़ी-सी आलू चिप्स, आधा चम्मच काली मिर्च पावडर, सेंधा नमक, स्वादानुसार भूना पीसा जीरा, एक कटोरी मखाने टुकड़े (इन्हें काट लें) तलने के लिए तेल, थोड़ा-सा पीसा हुआ शक्कर.

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विधि: एक कड़ाही में एक कटोरी तेल गरम करें. अब इसमें साबूदाना तल लें. उसके बाद आलू को भी फ्राय कर उसमें मिला दें. मूंगफली के दाने और मखाने को अलग-अलग तल कर इसमें मिलाएं और ऊपर से काली मिर्च पावडर, सेंधा नमक, जीरा पावडर और थोड़ा-सा पिसा हुआ शक्कर छिड़ककर अच्छी तरह मिक्स कर लें. आप इसे ज्यादा जायकेदार बनाना चाहते हैं तो इसमें काजू, किशमिश, खसखस आदि मिला दें. यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है.

लौकी का हलवा बनाने की विधि

उपवास में लौकी के विविध फलाहारी व्यंजन बनाकर खाया जा सकता है. आज हम आपको लौकी का हलवा बनाने की विधि बताएंगे. यह हलका होने के साथ ही सेहतमंद और स्वादिष्ट भी होते हैं, साथ ही बनाने में बेहद आसान भी.

आवश्यक सामग्री:

लौकी 1 किग्रा (छोटी साइज की),

शक्कर 300 ग्राम,

मावा (खोया)200 गाम,

देशी घी 2 बड़े चम्मच,

काजू 2 बड़े चम्मच (महीन कतर लें),

किशमिश 2 बड़े चम्मच (साफ कर लें),

पिस्ता 1 छोटा चम्मच (महीन कतर लें),

इलाइची 5 (पिसी लें)

विधि: लौकी को धोकर छील लें और एक बार फिर से साफ पानी में धो लें. इसे चार या छह फांक में काट कर उसे कद्दूकस में किस लें. बीज निकालकर फेंक दें. अब मध्यम आंच पर कढ़ाई रखकर इसमें किसा हुआ लौकी डाल कर ढक दें. लगभग पंद्रह मिनट तक इसे पकाएं. दस मिनट बाद इसमें स्वादानुसार शक्कर मिला अच्छी तरह से पकाएं. जब लौका का पानी छूट जाए, तब आंच तेज कर पानी खत्म होने तक पकाएं, इस दरम्यान मिश्रण को चलाती रहें. जब लौकी का सारा पानी सूख जाए तो इसमें घी डाल कर और भूनें. करीब पांच मिनट में मिश्रण और घी एकसार हो जाए तो इसमे मावा और किशमिश मिलाकर अच्छी तरह से चला दें. अगर इसमें तीन से चार चम्मच मिल्क मेड मिला दें तो इसका जायका और भी बढ़ जाएगा. बस लौकी का हलवा तैयार है. अब इसे बाउल्स में निकाल कर इसमें ऊपर से कतरे हुए पिस्ता व काजू मिलाकर परोसें. आप इसे फ्रिज में रखकर ठंडा करके परोसेंगी तो भी यह जायकेदार लगेगा.

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सिंघाड़े के आटे की पूरी

बाजार में सिंघाड़े का आटा आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. इसलिए सिंघाड़े के आटे की पूरी बनाकर फलाहारी सब्जी अथवा चटनी के साथ खाया जा सकता है. सिंघाड़े के आटे की पूरी खस्ता होने के साथ ही स्वादिष्ट भी होती है. आइए जानें कैसे बनती है सिंघाड़े के आटे की पूरी.

आवश्यक सामग्री:

सिंघाड़े का आटा 250 ग्राम

आलू 2 या 3 मध्यम आकार के (आलू को अच्छी तरह से उबाल कर ठंडा करें)

काली मिर्च पाउडर 1/4 छोटा चम्मच,

हरा धनिया 1 बड़ा चम्मच (बारीक काट लें),

रिफाइंड तेल तलने के लिये,

सेंधा नमक स्वादानुसार

विधि: सिंघाड़े की पूरी के लिए सिंघाड़े के आटे को अच्छी तरह छान लें. इसके बाद उबले हुए आलू को छील कर आटे के साथ अच्छी तरह से मिला लें. इस मिश्रण में सेंधा नमक, काली मिर्च पाउडर और कटी हरी धनिया मिला कर अच्छी तरह से गूंथ लें. पूरी के लिए आटा थोड़ा सख्त गुंथा हुआ होना चाहिए. करीब 20-25 मिनट बाद इसकी छोटी-छोटी गोलियां या लोइयां बना लें. अब कढ़ाई में तेल डाल कर गरम करें. तेल जब अच्छी तरह से गरम हो जाए तब इसमें आटे की लोइयां पूरी की तरह बेलकर तल लें. तेल में पूरिया पलटती रहें. हलका सुनहरा रंगत आने तक पूरी को तल ले. इस तरह सारी लोइयों की पूरियां बना ले. सिंघाड़े के आटे की यह पूरी चटनी, दही अथवा आलू झोल के साथ खाएं स्वादिष्ट लगेगा.

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फलाहारी चटनी

चटनी किसी भी चीज के साथ खाई जा सकती है. इसे बनाकर किसी बर्तन में स्टोर कर फ्रिज में रख लें तो पूरे श्रावण के सोमवार तक इसका सेवन किया जा सकता है. यह चटनी बहुत आसानी से कम समय में बनकर तैयार हो जाती है.

आवश्यक सामग्री:

हरी धनिया 1 गड्डी

पुदीना आधा गड्डी,

नारियल आधा

दही आधा प्याला,

काजू करीब 8-9 टुकड़े,

हरी मिर्च स्वादानुसार,

शहद दो छोटा चम्मच,

नीबू रस 2 छोटा चम्मच,

भुना ज़ीरा 1छोटा चम्मच,

सेंधा नमक स्वादानुसार

विधि: सर्वप्रथम धनिया, पुदीना और हरी मिर्च को साफ करके धो लें. अब इन तीनों ही चीजों को मिक्सर में पीस लें. इसके बाद इसी में काजू, किसा हुआ नारियल, भुना ज़ीरा डाल कर एक बार फिर महीन पीस लें. इसके पश्चात मिक्सर में ही दही, शहद, नीबू रस और सेंधा नमक मिलाकर एक बार फिर से दो मिनट के लिए मिक्सी में पीस लें, ताकि सारी वस्तुएं एकसार हो जायें. बस आपकी फलाहारी चटनी तैयार है.

फलाहारी दही बड़े

फलाहारी दही बड़े भी लीक से हटकर फलाहारी व्यंजन कहलाता है. ये स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही स्वादिष्ट और सेहत के लिए बेहतर होते हैं. इसे बनाना बहुत मुश्किल भी नहीं है.

आवश्यक सामग्री:

पनीर 200 ग्राम,

दही 4 कप,

आलू 2 (उबाल लें),

सिंघाड़े का आटा 2 बड़ा चम्मच चम्मच,

हरी मिर्च 1 बारीक काट लें),

अदरक आधा इंच (अच्छी तरह से किस लें)

हरी चटनी 1 कप,

मीठी चटनी 1 कप,

भुना जीरा 2 बड़ा चम्मच,

लाल मिर्च पाउडर आधा छोटा चम्मच,

तेल तलने के लिए,

सेंधा नमक स्वादानुसार

विधि: सर्वप्रथम पनीर को कद्दूकस कर लें. अब उबले आलू को छील कर इसे भी कद्दूकस कर लें. दोनों वस्तुओं के एक बड़े बाउल्स में डालकर अच्छी तरह से मिला लें. इस मिश्रण में सिंघाड़े का आटा, अदरक, हरी मिर्च और नमक मिलाकर अच्छी तरह से गूंथ लें.

इस सामग्री में से करीब डेढ चम्मच मिश्रण हथेली पर लेकर उसे गोल आकार देने के बाद बीच में अंगूठे से दबा कर होल कर इसे कढ़ाई में गरम तेल में तल लें. ध्यान रहे आंच मध्यम से ज्यादा नहीं रहे, वरना जल जाएगा. बड़ों को सुर्ख सुनहरा रंगत आने तक तलें. बड़े के दोनों तरफ पक जाएं, इसके लिए इसे तेल में ही पलटते रहें.

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सारे बड़े तल जाए तो इन्हें एक एक बाउल्स में डालकर ऊपर से फेंटी हुई दही, सेँधा नमक, भुना जीरे के पाउडर, काली मिर्च पाउडर एवं लाल मिर्च पाउडर डालें. इसके ऊपर से स्वादानुसार तीखी और मीठी चटनी डाल कर परोसें. खुद भी खाएं और अतिथियों को भी खिलाकर अपने हुनर की प्रशंसा हासिल करें.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.