Vasant Panchami 2020: ज्ञान की देवी मां सरस्वती के संदर्भ में 9 चमत्कारिक तथ्य, जिन्हें जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

बसंत पंचमी को माता सरस्वती के उद्भव के रूप में भी मनाया जाता है. जब ज्ञान एवं संगीत की देवी सरस्वती की पूजा-वंदना की जाती है. लेकिन देवी सरस्वती के बारे में कुछ चौंकानेवाले तथ्य भी हैं, जिसकी जानकारी कम लोगों को होगी.

माँ सरस्वती वाक्देवी के रूप में भी जानी जाती हैं. मान्यता है कि पृथ्वी पर ज्ञान उनके उद्भव के पश्चात ही आया. (Photo Credits: Wikimedia Commons)

Basant Panchami/Saraswati Puja: माघ मास की शुक्लपक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व सेलीब्रेट किया जाता है. इसी दिन ज्ञान एवं संगीत की देवी माता सरस्वती की पूजा भी की जाती है. बसंत ऋतु का स्वागत करने वालों के लिए बसंत पंचमी की तिथि सर्वोत्तम होती है. अलग-अलग स्थानों पर इस तिथि को ‘श्रीपंचमी’ अथवा ‘ज्ञान पंचमी’ के नाम से भी जाना जाता है. वस्तुतः इस पर्व को शीत ऋतु की विदाई का प्रतीक माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल छह ऋतुएं होती हैं, जिनमें वसंत ऋत, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशिर ऋतु शामिल हैं.

इन छहों ऋतुओं में वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है. बसंत पंचमी को ऋतुओं का स्वागत करनेवाले पर्व के रूप में भी माना जाता है. इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होने लगती है. एक ओर फसल पक कर तैयार होती है तो वहीं रंग-बिरंगे फूलों और वृक्षों पर नई कोपलें फूटने से हरी-भरी धरती खिल उठती है.

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इसी दिन यानी बसंत पंचमी को माता सरस्वती के उद्भव के रूप में भी मनाया जाता है. जब ज्ञान एवं संगीत की देवी सरस्वती की पूजा-वंदना की जाती है. लेकिन देवी सरस्वती के बारे में कुछ चौंकानेवाले तथ्य भी हैं, जिसकी जानकारी कम लोगों को होगी.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.

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