साल का आखिरी सूर्यग्रहण 4 दिसंबर को पड़ रहा है. खगोलीय दृष्टि से सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों ही महत्वपूर्ण घटनाएं होती हैं, जबकि हिंदू धर्म शास्त्रों में हर ग्रहण के अशुभ प्रभाव बताये गये हैं. ज्योतिषीय गणना के अनुसार 4 दिसंबर का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए यहां सूर्य ग्रहण का कोई असर नहीं होगा, और ना ही सूतक काल मान्य होगा. आइये जानें साल के इस अंतिम सूर्य ग्रहण के बारे में ज्योतिष शास्त्री पंडित शंभूनाथ क्या-क्या खुलासा करते हैं. Weekly Horoscope: कलाशांति ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल (22 से 28 नवंबर)
कितना प्रभावकारी होगा यह सूर्य ग्रहण?
सनातन धर्म की मानें तो ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी के समस्त जीवों पर पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सभी 12 राशियों पर ग्रहण का कम या ज्यादा असर पड़ सकता है. यद्यपि ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ माना गया है, लेकिन ग्रहों एवं नक्षत्रों की विविध स्थितियों को देखते हुए कभी-कभी कुछ राशि विशेष के जातकों के लिए कुछ ग्रहण लाभदायक भी साबित होते हैं. भारतीय जनमानस में दोनों ही ग्रहण (सूर्य एवं चंद्र) को लेकर काफी रोमांच एवं उत्सुकता रहती है. इसकी वजह यह है कि हम ग्रहण का आकलन विज्ञान एवं धर्म दोनों दृष्टि से करते हैं. पंडित शंभुनाथ के अनुसार ग्रहण को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह की उत्सुकताएं होती हैं. उन्हें बता दूं कि साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण दिसंबर मास की 4 तारीख दिन शनिवार को पड़ रहा है, लेकिन यह सूर्य ग्रहण महज उपछाया मात्र होगा, इसलिए ग्रहण से संबंधित सूतक नियमों का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
क्या भारत में दिखेगा यह सूर्य ग्रहण?
दुनिया का अधिकांश पढ़ा लिखा वर्ग उत्सुकतावश ग्रहण काल में सूर्य को देखना पसंद करता है. लोग अपने-अपने साधनों से ग्रहण देखने की कोशिश करते हैं. उन्हें यह सूर्य ग्रहण निराश ही करेगा, क्योंकि यह ग्रहण भारत में किसी को भी नहीं दिखाई दे सकता है. ज्योतिष शास्त्री आगे बताते हैं, -जहां तक धार्मिक वर्ग की बात है, तो इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में प्रभावी नहीं होगा, इसलिए वे प्रसन्न हैं कि वे ग्रहण के दुष्प्रभाव से मुक्त रहेंगे, और सूतक काल को मानने के लिए भी बाध्य नहीं होंगे.
सूर्य ग्रहणः कहां और कितने समय तक रहेगा?
पंडित शंभूनाथ त्रिपाठी के अनुसार 4 दिसंबर 2021 शनिवार को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष माह की कृष्णपक्ष की अमावस्या पड़ रही है. मूल सूर्य ग्रहण शुरू होने का समय 4 दिसंबर को दिन 10.59 बजे शुरु होकर दोपहर 03.07 बजे तक समाप्त होगा. यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में पूर्ण एवं अंशकाल में दिखेगा, लेकिन भारत में किसी भी हिस्से में नहीं दिखेगा. अगर भारत के किसी भी हिस्से में सूर्य ग्रहण आंशिक या पूर्णत दिखता तो, 12 घंटे पहले से सूतक काल शुरु हो जाता. लेकिन भारत में नहीं दिखने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा. पंडित शंभुनाथ के अनुसार साल का अंतिम चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगा था, महज 15 दिनों के भीतर दूसरा ग्रहण लग रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इतने कम समय में पड़नेवाले ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता, लेकिन चूंकि भारत में ग्रहण का असर नहीं होगा, इसलिए भारत शुभ-अशुभ के दायरे से बाहर रहेगा.