हर मंगलवार-शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चमत्‍कारी है और सेहत के लिए लाभकारी भी

हर हिंदू परिवार में बचपन में ही हनुमान चालीसा के महात्म्य और इसकी विशेषता के बारे में बता दिया जाता है कि अगर कभी अकेले में भय लगे, भीड़-भाड़ में जी घबराए, मन में अशांति हो, तो मन ही मन हनुमान चालीसा पढ़ने से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है.

हनुमान जी (File Photo)

यूं तो हिंदू धर्म (Hindu religion) के सभी पवित्र ग्रंथों भागवद् गीता, रामचरितमानस, रामायण, चारों वेदों, उपनिषद, हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) आदि सभी का अपना महात्म्य है. सभी में जीवन और मृत्यु के सार निहित होते हैं, लेकिन जहां तक सबसे ज्यादा पठन-पाठन और लोकप्रियता की बात है तो हनुमान चालीसा का पाठ हर घर में हर दिन किया जाता है. कुछ-कुछ घरों में तो इसका पांच से ग्यारह बार भी पठन-पाठन होता है. आखिर क्या महात्म्य है हनुमान चालीसा की चौपाइयों, छंदों और दोहों में.

हनुमान जी के जीवन का सार है हनुमान चालीसा

श्रीरामचरित मानस एवं अन्य धार्मिक साहित्यों दोहावली, संकटमोचन, विनय पत्रिका, कवितावली, पार्वती मंगल आदि की तरह हनुमान चालीसा भी तुलसीदास जी द्वारा ही लिखा गया है. इस चालीसा में कुल चालीस छंद हैं, इसीलिए इसे चालीसा कहते हैं. हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले जानते हैं कि इस चालीसा में हनुमानजी के जीवन का सार छिपा हुआ है और हनुमान जी का संपूर्ण जीवन अपने प्रभु राम की भक्ति में निहित रहा है. हर व्यक्ति के भीतर हनुमान जी जैसी सेवा-भक्ति होती है, इसलिए इस चालीसा का महत्व और महात्म्य बढ़ जाता है. हनुमान चालीसा केवल भक्तों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि इसके रचयिता स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी का भी इस चालीसा पर अटूट विश्वास रहा है. कहा जाता है कि एक बार मुगल बादशाह अंग्रेज ने जब उन्हें बंदी बना लिया था, तो वहीं पर तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा लिखा था. यह भी पढ़ें: मंगलवार-शनिवार को हनुमान जी की पूजा से पूरी होती है भक्तों की हर मुराद, जानिए क्यों उन्हें लेना पड़ा था 'पंचमुखी' अवतार

भयमुक्त एवं शांति प्रदान करता है

हर हिंदू परिवार में बचपन में ही हनुमान चालीसा के महात्म्य और इसकी विशेषता के बारे में बता दिया जाता है कि अगर कभी अकेले में भय लगे, भीड़-भाड़ में जी घबराए, मन में अशांति हो, तो मन ही मन हनुमान चालीसा पढ़ने से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है. यही नहीं ज्योतिषियों का भी मानना है कि अगर किसी पर साढ़े साती का प्रकोप है तो प्रतिदिन अथवा मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से इसका असर कम होता है. इसके अलावा अगर किसी इंसान को बुरी शक्तियां परेशान करती हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ करने उसे बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है. ऐसी भी मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से इंसान अपनी शक्ति, भक्ति और दायित्यों का आकलन स्वंय कर सकता है.

ज्योतिषियों का मानना है कि अगर आपसे जाने अनजाने कोई गलत कार्य अथवा व्यवहार हो गया है और आपके मन में इस बात का मलाल है. इसके लिए आप ह्रदय से क्षमा मांगना चाहते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ करें. आपको दिव्य शांति और संतोष के साथ सुरक्षा का एहसास होगा. आप लंबी यात्रा पर किसी आवश्यक कार्य के लिए निकल रहे हैं, तो अपने साथ हनुमान चालीसा की एक प्रति अवश्य रखिए और जब भी वक्त मिले उसका पठन करें, आपकी यात्रा तो भयमुक्ति होगी ही साथ ही आपके कार्य की सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.

सेहत के लिए लाभदायक

हनुमान जी बुद्धि और बल के देवता माने जाते हैं, और मान्यता है कि इस चालीसा का पाठ करने से बल भी मिलता है और बुद्धि भी. चालीसा का नियमित पाठ करने से मन के भीतर की सारी बुरी भावनाएं स्वतः मिट जाती हैं. आप किसी साधारण अथवा आसाध्य रोग से पीड़ित हैं तो हनुमान चालीसा के पाठ से लाभ मिलता है. ऐसी स्थिति में मंगल और शनि के अलावा आप प्रतिदिन भी इसका पाठ कर सकते हैं. जैसा कि इस चालीसा में भी उल्लेखित है कि अगर आप भूत-प्रेत अथवा किसी भी तरह के मानसिक व्यार्धि से परेशान हैं तो हनुमान चालीसा आपके भीतर साहस और शौर्य का ऐसा सकारात्मक ऊर्जा भरता है कि आप हर भय से मुक्त हो जाते हैं. यह भी पढ़ें: भूत-प्रेत, शनि की साढ़ेसाती, असाध्य बीमारी और मंगल दोष की शांति के लिए लाभकारी है मंगल का व्रत

इसका एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव यह भी देखने को मिलता है कि इसके नियमित पाठ से आप अपने भीतर एक सशक्त आत्मविश्वास, स्मरण शक्ति की संचार करता है. ऐसी भी मान्यता है कि रात को सोने से पूर्व अगर हनुमान चालीसा को आठ बार पढा जाये तो सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और इंसान को मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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