Chandra Grahan 2019: जब पृथ्वी (Earth), सूर्य (Sun) और चंद्रमा के बीच में आ जाती है तो यह चंद्रमा (Moon) पर पड़नेवाली सूर्य की किरणों को रोकती है और उसमें अपनी छाया बनाती है. इस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) कहा जाता है और साल 2019 में दो चंद्र ग्रहण लग रहे हैं. 21 जनवरी को नए साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण लग रहा है, जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई को पड़ रहा है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, चंद्र ग्रहण के समय हानिकारक ऊर्जा (Negative Energy) उत्पन्न होती है, जिससे वातावरण दूषित हो जाता है और सभी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में कहा जाता है कि भगवान की भक्ति, जप-तप और प्रार्थना के जरिए ग्रहण के दुष्प्रभावों से काफी हद तक बचा जा सकता है.
साल 2019 में दो चंद्र ग्रहण पड़ रहे हैं, तो चलिए जानते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं ? इसके अलावा यह भी जान लेते हैं कि इस दौरान किन बातों का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए.
साल 2019 का पहला चंद्र ग्रहण
21 जनवरी 2019 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा, जो पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण रात 08:07:34 से 13:07:03 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण मध्य प्रशांत महासागर, उत्तरी/दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा. भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां पर इसका धार्मिक महत्व और सूतक मान्य नहीं होगा.
साल 2019 का दूसरा चंद्र ग्रहण
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई 2019 को लगेगा, जो आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण रात 01:31:43 से शुरू हो जाएगा जो 04:29:50 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण भारत और अन्य ऐशियाई देशों के साथ-साथ दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका व ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा. भारत में दिखाई देने के कारण यहां इस ग्रहण का सूतक मान्य होगा. यह भी पढ़ें: January 2019 Bank Holidays list: जनवरी 2019 में इन तारीखों को बंद रहेंगे बैंक, देखें इस महीने पड़ने वाले Bank Holidays की पूरी लिस्ट
सूतक का समय (16-17 जुलाई 2019)
सूतक प्रारंभ- 16 जुलाई (15:55:13 बजे से)
सूतक समाप्त- 17 जुलाई (04:29:50 बजे तक)
सूतक काल में क्या न करें?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल को अशुभ माना जाता है, जो ग्रहण से पहले शुरू होता है और ग्रहण के खत्म होने के बाद समाप्त होता है. इस दौरान कुछ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है.
- सूतक काल में मूर्ति पूजा या मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए.
- इस दौरान किसी नए कार्य की शुरुआत करना अशुभ माना जाता है.
- सूतक काल में भोजन बनाना और भोजन ग्रहण करना वर्जित होता है.
- इस दौरान जरूरत न हो तो मलमूत्र त्याग करने और स्नान से बचना चाहिए.
- तुलसी के पौधे को छूना सूतक काल में वर्जित माना जाता है.
- जहां ग्रहण दिखाई देता है वहीं पर उसका सूतक मान्य होता है.
- बुजुर्गों, बीमार लोगों और बच्चों पर ग्रहण का सूतक प्रभावी नहीं होता है.
- गर्भवती महिलाएं सिलाई, कढ़ाई, काटने या छीलने जैसे काम न करें, नहीं तो उनके बच्चों के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. यह भी पढ़ें: New Year 2019: नए साल में आप भी बन सकते हैं अमीर, बस अपने डेली रूटीन में शामिल करें ये आदतें
चंद्र ग्रहण पर करें ये काम
- चंद्र देव की पूजा व आराधना करनी चाहिए.
- ग्रहण खत्म होने पर घर में गंगाजल का छिड़काव करें,
- खुद स्नान करें फिर भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं.
- भगवान की मूर्तियों को स्नान कराने के बाद उनकी पूजा करें.
- ग्रहण खत्म होने के बाद ताजा भोजन बनाएं और खाएं.
- पहले से बने हुए भोजन को खाने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डालें.
- ग्रहण के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को अनाज का दान करें.
हालांकि ग्रहण को लेकर हिंदू धर्म और विज्ञान में मतभेद है, क्योंकि दोनों के अलग-अलग विचार और मत हैं. एक ओर जहां विज्ञान इसे महज एक खगोलीय घटना के तौर पर देखता है तो वहीं हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इस दौरान पृथ्वी पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.