देहरादून: हिन्दुओं के पवित्र चार धामों में से एक है बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु की प्रतिमा के ऊपर लगे पुराने स्वर्ण छत्र के स्थान पर नया स्वर्ण छत्र स्थापित किया गया है. पुराना स्वर्ण छत्र 600 साल पहले ग्वालियर की महारानी अहिल्याबाई ने लगवाया था. चार किग्रा वजनी नया स्वर्ण छत्र लुधियाना के सूद परिवार ने लगवाया है.
जानकारी के मुताबिक छत्र मंगलवार को ही हेलीकाप्टर से बद्रीनाथ धाम में पहुचा दिया गया था. यह स्वर्ण छत्र बुधवार सुबह चढ़ाया जाना था, लेकिन मौसम ख़राब होने के कारण शाम पांच बजे स्वर्ण छत्र को मंत्रों और वेद ध्वनियों के साथ भगवान को समर्पित किया गया.
धर्माधिकारी और अपर धर्माधिकारियों ने स्वस्तिवाचन तथा वेदमंत्र पढ़े. इसदौरान सूद परिवार के तीन सौ से अधिक लोग इस पूजन और भगवान को समर्पित स्वर्ण छत्र अभिषेक समारोह में शामिल हुए. भगवान बदरीविशाल पर गहरी आस्था रखने वाले सूद परिवार ने भगवान बदरीविशाल के श्री विग्रह के ऊपर हीरा जड़ित स्वर्ण छत्र चढ़ाने का संकल्प पिछले साल किया था.
यहां नर-नारायण विग्रह की पूजा की जाती है और अखंड दीप जलता रहता है. सालभर में करीब छह महीने बर्फीली पहाड़ियों से ढंके होने के कारण बंद रहने वाले इस धाम का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यहां शालग्रामशिला से बनी हुई मूर्ति है जो चतुर्भुज ध्यानमुद्रा में है. इसके अलावा यहां गंगा नदी को अलकनंदा धारा के नाम से जाना जाता है. इसी से सरस्वती का संगम भी होता है.