Rama Ekadashi 2022 Greetings: रमा एकादशी पर ये ग्रीटिंग्स WhatsApp Stickers, GIF Images और HD Wallpapers के जरिए भेजकर दें बधाई
रमा एकादशी (Rama Ekadashi 2022) हिंदू संस्कृति में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण एकादशी व्रतों में से एक है. यह हिंदू महीने 'कार्तिक' के दौरान कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के अंधेरे पखवाड़े) की 'एकादशी' पर पड़ता है. यह तिथि अंग्रेजी कैलेंडर में सितंबर से अक्टूबर के महीनों के बीच आती है. जबकि रमा एकादशी हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार कार्तिक के महीने में मनाई जाती है...
Rama Ekadashi 2022 Greetings: रमा एकादशी (Rama Ekadashi 2022) हिंदू संस्कृति में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण एकादशी व्रतों में से एक है. यह हिंदू महीने 'कार्तिक' के दौरान कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के अंधेरे पखवाड़े) की 'एकादशी' पर पड़ता है. यह तिथि अंग्रेजी कैलेंडर में सितंबर से अक्टूबर के महीनों के बीच आती है. जबकि रमा एकादशी हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार कार्तिक के महीने में मनाई जाती है, यह तमिल कैलेंडर पर 'पुरातासी' के महीने में आती है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में यह अश्वयुज या अश्विन महीने के दौरान होता है. यह भी पढ़ें: Rama Ekadashi 2022: क्यों होती है इस दिन लक्ष्मी-विष्णु की संयुक्त पूजा? जानें रमा एकादशी व्रत का महत्व, मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि!
रमा एकादशी पापंकुशा एकादशी के बाद आती है और उसके बाद प्रबोधनी एकादशी आती है. रमा एकादशी रोशनी के त्योहार दिवाली के उत्सव से चार दिन पहले आती है. इस एकादशी को 'रम्भा एकादशी' या 'कार्तिक कृष्ण एकादशी' भी कहा जाता है. यह एक लोकप्रिय धारणा है कि हिंदू भक्त इस दिन पवित्र उपवास करके अपने पापों को धो सकते हैं. रमा एकादशी के दिन लोग एक दूसरे को ग्रीटिंग्स भेजकर शुभकामनाएं देते हैं, आप भी नीचे दिए विशेज भेजकर अपने रियाजनो को इस दिन की बधाई दे सकते हैं.
1. रमा एकादशी 2022
2. रमा एकादशी की बधाई
3. रमा एकादशी की शुभकामनाएं
4. हैप्पी रमा एकादशी
5. रमा एकादशी की हार्दिक बधाई
रमा एकादशी के दिन उपवास एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. यह अनुष्ठान वास्तविक एकादशी से एक दिन पहले 'दशमी' से शुरू होता है. इस दिन भी भक्त कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं और सूर्यास्त से पहले केवल एक बार सात्विक भोजन करते हैं. एकादशी के दिन ये बिल्कुल नहीं खाते हैं. 'पारण' कहे जाने वाले उपवास अनुष्ठान का अंत 'द्वादशी' तिथि को होता है. व्रत न करने वालों के लिए भी किसी एकादशी पर चावल और अनाज का सेवन सख्त वर्जित है.