मंगलवार को हनुमान जी को ऐसे करें प्रसन्न! पायें तन-मन-धन के संकटों से मुक्ति! जानें किस दिन किस ग्रंथ से किन कष्टों का होगा निवारण?

सनातन धर्म में मंगलवार एवं शनिवार का दिन हनुमान जी के नाम समर्पित माना गया है. अधिकांश हनुमान भक्त इस दिन उनके नाम उपवास एवं उपासना करते हैं. उनकी आस्था है कि ऐसा करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं, और उनके आशीर्वाद से जीवन में आये हर संकट मिट जाते हैं, उन्हें हर खुशियां प्राप्त होती हैं.

Hanuman (File Image)

सनातन धर्म में मंगलवार एवं शनिवार का दिन हनुमान जी के नाम समर्पित माना गया है. अधिकांश हनुमान भक्त इस दिन उनके नाम उपवास एवं उपासना करते हैं. उनकी आस्था है कि ऐसा करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं, और उनके आशीर्वाद से जीवन में आये हर संकट मिट जाते हैं, उन्हें हर खुशियां प्राप्त होती हैं. हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए हनुमान चालीसा, श्री बजरंग बाण एवं हनुमान बाहुक जैसे तमाम धार्मिक पाठ हैं, ज्योतिषियों के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में हनुमानजी के इन पाठों को करना लाभकारी परिणाम देता है. आइये जानें किन परिस्थितियों में हनुमानजी का कौन सा पाठ करना चाहिए.

भय अथवा भयंकर रोग के निदान के लिए

कभी-कभी छोटा-मोटा रोग लापरवाही से भयंकर रोग में बदल जाता है, अथवा किसी नकारात्मक शक्ति के प्रवेश से इंसान भयभीत हो जाता है. इन दोनों परिस्थितियों में बजरंग बाण का पाठ इन संकटों से मुक्ति दिलाता है. यह पाठ मंगलवार, शनिवार अथवा हनुमान जयंती के दिन ही करना चाहिए. बजरंग बाण के पाठ के नियमानुसार स्नान-ध्यान के पश्चात पुष्प, सुगंध, धूप-दीप, अक्षत, रोली एवं तुलसी दल हनुमानजी को अर्पित करें, भोग स्वरूप लड्डू चढ़ाकर बजरंग बाण का पाठ शुरु करें. बजरंग बाण का उच्चारण दोष-रहित होना चाहिए. वरना पुण्य-फल प्राप्त नहीं होता.

शत्रुओं को नतमस्तक कराने के लिए

इंसान जीवन में जाने-अनजाने गल्तियां कर बैठता है. कभी-कभी अपनी स्पष्टवादी नेचर के कारण वह अपने लिए दुश्मनी मोल ले लेता है. कभी-कभी रोजी-रोजगार में तरक्की से भी दुश्मन पैदा हो जाते हैं. ये लोग सदा आपके खिलाफ षड़यंत्र रचते रहते हैं. ऐसी परिस्थितियों में भी श्री बजरंग बाण का पाठ अमोघ शक्ति साबित हो सकता है. इसके लिए नियमानुसार 21 दिनों तक सच्ची आस्था और निष्ठा से (मंगलवार एवं शनिवार को) श्री बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. अगर आप ईर्ष्या मुक्त होकर पाठ करते हैं, तो आपके शत्रु आपके आगे नतमस्तक होकर रह जायेंगे. यह भी पढ़ें : Chaitra Amavasya 2022: कब है चैत्रीय अमावस्या? इस दिन महायोगों के संयोग में पितृ-दोष एवं कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए ये हैं श्रेष्ठतम उपाय

अप्रत्याशित संकट आने पर

आप अचानक किसी बड़े संकट में फंस गये हैं, और संकट से उबरने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ना शुरु कर दें. आप किसी बुरी संगत अथवा सोहबत में फंसा महसूस कर रहे हैं और उससे बाहर आने के लिए रास्ता तलाश रहे हैं, तो हनुमान चालीसा का पाठ करें, मन शांत होगा और सारे रास्ते आपके सामने स्वतः खुल जायेंगे. हनुमान चालीसा का पाठ 24 घंटे में कभी भी हनुमान जी के प्रति पूर्ण विश्वास एवं आस्था के साथ पढ़ें, औपचारिकता नहीं निभाएं. सारे कष्टों को निवारण हो जायेगा.

परीक्षा में सफलता पाने के लिए

आप पढ़ रहे हैं अथवा किसी जॉब की तैयारी कर रहे हैं और आपका चंचल अथवा परेशान मन आपको एकाग्र नहीं होने दे रहा है. आप भयभीत हैं कि पता नहीं आप परीक्षा पास कर पायेंगे या नहीं. ऐसी स्थिति में हनुमान चालीसा का नियमपूर्वक पाठ करें. नियम का आशय यह कि हनुमान चालीसा की शुरुआत मंगलवार या शनिवार से स्नान-ध्यान के बाद करें. 40 दिन निंरतर पाठ करने के बाद एक छोटा सा हवन जरूर करवाना चाहिए.

शारीरिक कष्टों से मुक्ति के लिए

अगर आप गठिया, सिरदर्द, कंठ संक्रमण, जोड़ों के दर्द, वात जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, मंगलवार के दिन लाल वस्त्र धारण कर हनुमान बाहुक का पाठ करें. यह पाठ 21 अथवा 26 दिन का होता है. पाठ करते समय सामने एक ताम्र पात्र में जल भरकर रखें. पाठ पूरा होने के बाद जल को पी लें, और अगले दिन पुनः पात्र में ताजा जल रखकर हनुमान बाहुक का पाठ करें. हनुमान जी के आशीर्वाद से सारी बीमारियों से मुक्ति मिल जायेगी. हनुमान बाहुक का पाठ करने से इच्छा शक्ति बढ़ती है, घर में अगर नकारात्मक शक्ति आ गयी है तो वह नष्ट हो जाती है.

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