No Sex After Vaccine: वैक्सिनेशन के बाद सेक्स पर प्रतिबंध! रूसी स्वास्थ्य अधिकारी की चेतावनी, वैक्सीन लेने के बाद 3 दिन तक सेक्स नहीं कर सकते!
रूसी नागरिकों से कहा गया है कि वे कोविड का टीका लगवाने के बाद कम से 3 तीन दिनों तक सेक्स से दूरी बनाए रखें. रूस के सारातोव के उप स्वास्थ्य मंत्री डॉ. डेनिस ग्रैफर ने कहा कि रूसियों को सेक्स के साथ-साथ बढ़े हुए मानसिक तनाव से भी दूर रहना चाहिए.
* रूसी निवासियों से कहा गया है कि वे कोविड वैक्सीन लगवाने के 3 दिनों तक यौन संबंध बनाने से बचें.
* रूसी चिकित्सक एवं राजनीतिज्ञ डॉ. डेनिस ग्रेफर ने कहा कि लोगों को वैक्सिनेशन के बाद 3 दिनों तक शारीरिक तनाव से बचें, जिसमें यौन संबंध भी शामिल है.
* रूसियों को वैक्सीन लगवाने के बाद सेक्स, वोडका, धूम्रपान और सौना जाने से बचने की चेतावनी.
* रूस में दुनिया की तुलना में सबसे कम 13 प्रतिशत टीकाकरण.
रूसी नागरिकों से कहा गया है कि वे कोविड का टीका लगवाने के बाद कम से 3 तीन दिनों तक सेक्स से दूरी बनाए रखें. रूस के सारातोव के उप स्वास्थ्य मंत्री डॉ. डेनिस ग्रैफर ने कहा कि रूसियों को सेक्स के साथ-साथ बढ़े हुए मानसिक तनाव से भी दूर रहना चाहिए. दुनिया भर के मुकाबले रूस सबसे कम टीकाकरण वाला देश है, जहां दुनिया के शेष हिस्सों में 30 प्रतिशत टीकाकरण की तुलना में मात्र 13 प्रतिशत की दर से टीकाकरण हुआ.
डॉ. ग्रेफर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, - मैं समझता हूं कि यह बात सभी जानते हैं कि सेक्स क्रिया में सबसे ज्यादा ऊर्जा खपत होती है. इसलिए मैं उन लोगों को चेतावनी देना चाहूंगा कि वैक्सिनेशन के बाद सेक्स क्रिया के साथ-साथ अन्य शारीरिक गतिविधियों वाली बातों से भी दूर रहें.
गौरतलब है कि 38 वर्षीय डॉ ग्रेफर दो बच्चों के पिता हैं, और वैक्सीन लगवा चुके हैं. रूस अपने देशवासियों के लिए अपने घरेलू स्पुतनिक वी वैक्सीन का उपयोग कर रहा है, जो एडेनोवायरस वैक्सीन के दो खुराक के समान है. जबकि वैक्सीन को अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और युरोपीय मेडिसिन एजेंसी (UMA) जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य निकायों से अप्रूवल प्राप्त करना बाकी है. यद्यपि लगभग 47 देशों में जहां इसका उपयोग हो रहा है, से प्राप्त डेटा के अऩुसार यह कोविड वायरस के गंभीर मामलों को रोकने में अत्यधिक प्रभावशाली साबित हो रहा है. जबकि रूस में इस वैक्सीन का कमतर उपयोग किया गया है.
डॉ ग्रेफर एक योग्य चिकित्सक के साथ-साथ नामचीन पॉलिटीशियन भी हैं, की एक रूसी स्टेट मीडिया के माध्यम से एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी द्वारा आलोचना की गई, जिन्होंने उन्हें खारिज कर दिया था. उनके बॉस ओलेग कॉस्टिन ने वैक्सिनेशन के बाद सेक्स का जिक्र करते हुए कहा कि आप सेक्स कर सकते हैं, बशर्ते सावधानी भी बरतें. रूसियों को इतना तो ज्ञान होना ही चाहिए कि वैक्सीन लगवाने के बाद बहुत ज्यादा सेक्स नहीं करना चाहिए. यह भी पढ़ें : Sleeping position 2021: दक्षिण दिशा में पैर करके सोना क्यों है मना? जानें क्या कहता है विज्ञान और आध्यात्म?
रूस वर्तमान में कोविड की तीसरी लहर की चपेट में है, जिसे डेल्टा या भारतीय संस्करण से प्रेरित माना जा रहा है, जो कोविड के पहले दो स्वरूपों की तुलना में ज्यादा तेजी से संक्रमित कर रहा है. गत शुक्रवार को रूस ने कोविड पॉजिटिव के 25 हजार से ज्यादा मामलों की आधिकारिक घोषणा की थी. यहां वायरस से 700 से ज्यादा मृत्यु की सूचना भी दी गयी है, जो अब तक के सर्वाधिक मृत्यु दर माना जा रहा है. यह बात तब प्रकाश में आई, जब मास्को की कोविड 19 प्रतिक्रिया के लिए द इकोनॉमिस्ट में आलोचना की गई है. इस अखबार ने लिखा कि क्रेमलिन की अक्षमता की वजह से अब तक सैकड़ों लोग मृत्यु के मुख में समा चुके हैं.
कहा जा रहा है कि इस समय रूस कोविड 19 की तीसरी और सबसे गंभीर लहर की चपेट में है, जहां पिछले दिनों की तुलना में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं. प्राप्त सूत्रों के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 25 हजार मामले आ रहे हैं, जो ब्रिटेन की तुलना में बहुत थोड़ा ही कम है, लेकिन जहां तक मृत्यु दर की बात है तो ब्रिटेन में एक सप्ताह में प्रतिदिन औसतन 18 मौतें मानी गईं, वहीं रूस में यह संख्या 670 पाई गई.
यहां चौंकानेवाली बात यह है कि रूस दुनिया का पहला देश है, जिसने एक डोज वाले वैक्सीन को स्वीकृति दी, जो ब्रिटिश-स्वीडिश एस्ट्राजेनेका के समान विज्ञान पर आधारित था, और उतना ही प्रभावी भी. लेकिन ब्रिटेन में 78 प्रतिशत आबादी को कम से कम एक वैक्सीन लगा, वहीं रूस में यह अनुपात महज 20 प्रतिशत था. रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि पुतिन सरकार का ध्यान कोरोना की ओर कम और अन्य प्राथमिकताओं में ज्यादा है, जैसे उनके राजनीतिक दुश्मन एलेक्सी नवलनी को जेल भेजना और सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाना आदि था. रूस में आधिकारिक तौर पर कोविड-19 से मरने वालों की संख्या लगभग 141501 है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि मृत्यु का सही आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है.