Narmada Jayanti Wishes 2022: ये हिंदी विशेज WhatsApp Stickers और GIF Greetings के जरिए भेजकर दें बधाई
नर्मदा जयंती हर वर्ष माघ मास में मनाई जाती है. यह दिन मां नर्मदा का पृथ्वी पर नर्मदा नदी (माँ नर्मदा) के रूप में प्रकट होने का जश्न मनाता है. नर्मदा जयंती इस साल 7 फरवरी 2022 को है. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इस दिन का बहुत महत्व है. नर्मदा नदी अमरकंटक से अपनी यात्रा शुरू करती है और अरब सागर में समाप्त होती है....
Narmada Jayanti Wishes 2022: नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti) हर वर्ष माघ मास में मनाई जाती है. यह दिन मां नर्मदा का पृथ्वी पर नर्मदा नदी (माँ नर्मदा) के रूप में प्रकट होने का जश्न मनाता है. नर्मदा जयंती इस साल 7 फरवरी 2022 को है. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इस दिन का बहुत महत्व है. नर्मदा नदी अमरकंटक से अपनी यात्रा शुरू करती है और अरब सागर में समाप्त होती है. हिंदू धर्म के अनुसार नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है. किंवदंती है कि नर्मदा नदी को शिव ने राक्षसों का सफाया करते हुए आकाशीय प्राणियों (देवों) द्वारा किए गए पापों को धोने के लिए बनाया था. यह दिव्य घटना माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी यानी सातवें दिन माघ महीने में चंद्रमा के शुक्ल पक्ष के दौरान हुई थी. सबसे महत्वपूर्ण त्योहार अमरकंटक और होशंगाबाद में होता है. लोग दिन में नर्मदा के जल पर पारंपरिक दीप जलाते हैं. इस दिन नर्मदा परिक्रमा की जाती है. यह भी पढ़ें: Narmada Jayanti 2021 Wishes: नर्मदा जयंती पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Images, Quotes के जरिए दें शुभकामनाएं
नर्मदा नदी की पूजा हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच अत्यधिक महत्व रखती है क्योंकि यह शांति और समृद्धि लाती है. यह भक्तों को पवित्रता और आध्यात्मिकता प्राप्त करने में मदद करता है. स्कंद पुराण के अनुसार नर्मदा नदी हमेशा बाढ़ या किसी अन्य तबाही के दौरान स्थिर रही है. महर्षि मार्कण्ड के अनुसार नर्मदा के तट पर 60 लाख तीर्थ हैं. यह विश्व की एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है. महर्षि मार्कण्ड, अगस्त्य, कपि और कई अन्य ऋषि-मुनि ने इस नदी के तट पर ध्यान किया है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर इसी नदी के तट पर स्थित है. नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर अगर आप अपने प्रियजनों और शुभचिंतकों को बधाई देना चाहते हैं तो इस अवसर पर इन विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ इमेजेस, कोट्स को भेजकर उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं.
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवता राक्षसों से लड़ रहे थे, तो उन्हें राक्षसों का वध करते हुए उनके द्वारा किए गए पापों को धोने की जरूरत थी. इसलिए, भगवान शिव ने देवताओं के पापों को धोने के लिए नर्मदा नदी का निर्माण किया. यह घटना माघ मास की शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन की है. पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है.