Muharram 2022 GIF Images: मुहर्रम की शुरुआत पर ये Quotes, HD Images और Wallpapers के जरिए भेजकर इमाम हुसैन की शहादत को करें याद
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम (Muharram 2022) दुनिया भर के मुसलमानों के लिए नया साल है. यह इस्लाम के सबसे पवित्र महीनों में से एक है. मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. इस साल मुहर्रम भारतीय उपमहाद्वीप में 30 जुलाई को और केएसए, ईरान, इराक और अन्य मध्य पूर्व देशों में 29 जुलाई को पड़ सकता है...
Muharram 2022 GIF Images: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम (Muharram 2022) दुनिया भर के मुसलमानों के लिए नया साल है. यह इस्लाम के सबसे पवित्र महीनों में से एक है. मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. इस साल मुहर्रम भारतीय उपमहाद्वीप में 30 जुलाई को और केएसए, ईरान, इराक और अन्य मध्य पूर्व देशों में 29 जुलाई को पड़ सकता है. मुहर्रम की 10 वीं तारीख को दुनिया भर के मुसलमानों ने कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन की शहादत पर शोक व्यक्त करते हैं. इमाम हुसैन हजरत अली और हजरत फातिमा के बेटे थे. वह इस्लाम के अंतिम पैगंबर, पैगंबर मुहम्मद के प्यारे पोते भी थे. यह भी पढ़ें: Muharram HD Wallpapers 2022: मुहर्रम की शुरुआत पर ये मैसेजेस HD Wallpapers और GIF Images के जरिए भेजकर इमाम हुसैन की शहादत को करें याद
इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने का नाम मोहर्रम है. यदि 29 जुलाई को चांद नजर आया तो भारत में मोहर्रम 30 जुलाई से शुरू होगा अगर नजर नहीं आया तो 31 से ये पवित्र माह शुरू होगा. इस आधार पर इस बार 8 या 9 अगस्त को आशुरा होगा. इसकी मुख्य वजह यह है कि इस्लामिक त्योहारों की तारीखें हर साल बदलती रहती हैं. इसलिए इस बार मुहर्रम की सही तिथि का पता जुलाई माह के अंत तक पता चल सकेगा.
मुहर्रम के 10वें दिन पड़ने वाले आशूरा के दिन, हज़रत अली के पुत्र और पैगंबर के पोते इमाम हुसैन, 680 ई. में अशूरा के दिन कर्बला के युद्ध में शहीद हुए थे. तबसे इस दिन इस्लाम के लिए उनकी शहादत को याद किया जाता है. इस दिन पाक दिन पर हम आपके लिए ले आए कुछ मैसेजेस जिन्हें आप HD Wallpapers और GIF Images के जरिए भेज सकते हैं और इमाम हुसैन की शहादत को याद कर सकते हैं. ये मैसेज हमने इंटरनेट से लिए हैं.
1. जिक्र-ए-हुसैन आया तो आंखें छलक पड़ी,
पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन से
2. शहादत सब के हिस्से में कहां आती है दुनिया में,
मैं तुझ पे रश्क करता हूँ, तेरा मातम नहीं करता.
3. लफ्जों में क्या लिखूं मैं शहादत हुसैन की,
कलम भी रो देता है कर्बला का मंजर सोचकर!
4. इमाम का हौसला इस्लाम जगा गया,
अल्लाह के लिए उसका फर्ज आवाम को कौम सिखा गया.
5. एक पल की थी हुकूमत यज़ीद की
सदियां हुसैन की हैं ज़माना हुसैन का
इस्लाम धर्म में चार माह बेहद पवित्र होते हैं. इसमें एक महीना मोहर्रम का है. मोहर्रम माह में दसवें दिन को आशूरा कहते हैं. इसी महीने इस्लामिक नववर्ष भी होता है. आशूरा इस्लामिक कैलेंडर का सबसे बुरा दिन माना जाता है. वस्तुतः यह मातम का पर्व होता है. आशूरा के दिन इमाम हुसैन की शहादत की याद में शिया मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग काले रंग के कपड़े पहनकर विभिन्न किस्मों के ताजिया के साथ जुलूस निकालते हैं. गौरतलब है कि इमाम हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी थी, इसी वजह से आशुरा को इस्लामिक कैलेंडर का सबसे बुरा दिन माना जाता है.