Mahatma Jyotiba Phule Punyatithi 2021: महात्मा ज्योतिबा फुले महान भारतीय समाज सुधारक जिन्होंने भारत में महिला शिक्षा की शुरुआत की, जानें उनके कुछ रोचक विचार
Mahatma Jyotiba Phule Punyatithi 2021

Mahatma Jyotiba Phule Punyatithi 2021: महात्मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule) महाराष्ट्र के एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने सभी प्रकार के सामाजिक उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी. आज 28 नवंबर को महात्मा ज्योतिबा फुले पुण्यतिथि है. यह प्रतिवर्ष 28 नवंबर को मनाया जाता है. यह महात्मा ज्योतिबा फुले की 131वीं पुण्यतिथि है. उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था. महात्मा ज्योतिबा फुले के पिता गोविंद राव एक किसान थे और पुणे में फूल बेचते थे. जब ये छोटे थे इनकी मां का देहांत हो गया था. ज्योतिबा फुले समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक और क्रांतिकारी के रुप में जाने जाते हैं. महात्मा ज्योतिबा फुले ने शिक्षा (विशेषकर लड़कियों की शिक्षा), कृषि, जाति व्यवस्था को हटाने, महिलाओं और विधवा उत्थान और अस्पृश्यता को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने हर तरह के सामाजिक उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी. यह भी पढ़ें: Mahatma Jyotiba Phule Death Anniversary: जानें गरीब और दबे-कुचले परिवार का बालक कैसे बना महात्मा ज्योतिबा फुले?

उन्होंने लोगों को सत्य का एहसास कराने और सभी प्रकार के सामाजिक अन्यायों के खिलाफ लड़ने में मदद करने के लिए सत्यशोधक समाज का गठन किया. महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को हुआ था और उनकी मृत्यु 28 नवंबर, 1890 को हुई थी. महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि दिए जाने से बहुत पहले, ज्योतिबा फुले को महात्मा की उपाधि दी गई थी. महात्मा फुले एक भारतीय समाज सुधारक और एक कार्यकर्ता थे जिन्होंने जाति की परवाह किए बिना समानता की दिशा में काम किया. आज महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि है, इस अवसर पर हम आपके लिए ले आए उनके कुछ महान विचार जिन्हें शेयर कर और अपने जीवन में शामिल कर अपना और दूसरों का जीवन बदल सकते हैं.

भारत में राष्ट्रीयता की भावना का विकास तब तक नहीं होगा, जब तक खान -पान एवं वैवाहिक सम्बन्धों पर जातीय बंधन बने रहेंगे.

-महात्मा ज्योतिबा राव फुले

अच्छा काम पूरा करने के लिए बुरे उपाय से काम नहीं लेना चाहिये.

-महात्मा ज्योतिबा राव फुले

आर्थिक असमानता के कारण किसानों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

-महात्मा ज्योतिबा राव फुले

शिक्षा स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से आवश्यक है.

-महात्मा ज्योतिबा राव फुले

परमेश्वर एक है और सभी मानव उसकी संतान हैं.

-महात्मा ज्योतिबा राव फुले

महात्मा ज्योतिबा फुले का विवाह सावित्रीबाई फुले से हुआ, उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढऩे के लिए प्रेरित किया. सन 1852 में उन्होंने तीन स्कूलों की स्थापना की, लेकिन 1858 में फंड की कमी के कारण ये बंद कर दिए गए. सावित्रीबाई फुले आगे चलकर देश की पहली प्रशिक्षित महिला अध्यापिका बनीं. महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन!