Jija Mata Jayanti 2024: जीजामाता जिन्होंने शिवाजी को बनाया महान योद्धा! जानें जीजामाता के जीवन से जुड़े कुछ रोचक प्रसंग!
Jija Mata Jayanti

कहावत मशहूर है, ‘एक शेरनी ही शेर को जन्म देती है.’ भारत में ऐसी तमाम वीरांगनाएं हैं, जिन्होंने शेर-पुत्र को जन्म दिया. इसी में एक हैं जीजाबाई उर्फ जिजाऊ माता. जीजामाता ने शिवाजी को जन्म ही नहीं दिया, बल्कि उनके भीतर शौर्य एवं साहस का दीप प्रज्वलित किया. बालपन से शिवाजी को इस तरह गढ़ा कि 17 साल की कच्ची उम्र ही शिवाजी जंग की मैदान में कूद पड़े थे. शिवाजी बहुत साहसी योद्धा थे, हजारों मुगल सेना के खिलाफ मुटठी भर साथियों के साथ उन पर टूट पड़ते थे. जीते जी वह मुगलों एक भी युद्ध नहीं हारे थे. ऐसे शेर-पुत्र को जन्म देने वाली जीजा माता की 426 वीं जयंती (12 जनवरी 1598) पर आइये जानें, उनके जीवन के यादगार प्रसंग.

6 साल की उम्र में हुआ विवाह

जीजाबाई का जन्म 12 जनवरी 1598 ई. को सिंधखेड़, बुलढाणा (महाराष्ट्र) में हुआ. पिता लखुजी जाधव सिंदखेड गांव के राजा थे. पिता बचपन में उन्हें जिजाऊ के नाम से पुकारते थे. जीजाबाई जब मात्र 6 साल की थीं, उनकी शादी मोलाजी के पुत्र शाहजी भोसले से शादी कर गई. बड़े होने पर शाहजी बीजापुर दरबार में राजनयिक पद पर नियुक्त किये गये. बीजापुर के महाराजा ने शाहजी की मदद से कई युद्ध जीते थे, इस खुशी में महाराज ने उन्हें कई जागीरों के साथ शिवनेरी दुर्ग उपहार में दिया था. शाहजी अकसर युद्ध के सिलसिले में बाहर रहते थे, जीजाबाई ने शिवनेरी दुर्गा में 6 पुत्री और 2 पुत्रों संभाजी और शिवाजी को जन्म दिया. यह भी पढ़ें :