भुवनेश्वर, 11 जुलाई: देश में इस साल भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा 12 जुलाई यानी कल से आरंभ हो रही है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Disease) की वजह से जगन्नाथ रथयात्रा इस साल काफी छोटे दायरे में सम्पन्न किया जाएगा. जगन्नाथ रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ के अलावा उनके बड़े भाई बलराम (Balaram) और बहन सुभद्रा (Subhadra) का भी रथ निकाला जाता है.
हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार जगन्नाथ मंदिर चार सबसे प्रमुख तीर्थों में से एक है, जिसका धार्मिक रूप से बहुत बड़ा महत्व है. इस वर्ष यह रथ यात्रा 12 जुलाई 2021 को आयोजित की जायेगी. आषाढ़ मास की द्वितिया तिथि 11 जुलाई 2021 दिन (रविवार) सायंकाल 07.47 बजे से अगले दिन 12 जुलाई दिन (सोमवार) को रात 08.19 बजे तक समाप्त होगी.
प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होने से पहले जगन्नाथ पुरी मंदिर में सुबह छह बजे आरती की जाएगी. भक्तगण इस मनोहर आरती की लाइव स्ट्रीमिंग डीडी ओडिया के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.
इतिहास और महत्व:
प्रत्येक वर्ष परंपरागत तरीके से आषाढ़ मास की द्वितिया के दिन भगवान श्री जगन्नाथजी, बलभद्रजी एवं सुभद्राजी को जगन्नाथ पुरी मंदिर में अविनाशी द्वारा सम्मानित किया जाता है. ज्ञात हो कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा चोड़ागन देव द्वारा करवाया गया था. मंदिर कलिंग शैली में बनाया गया है. रथ यात्रा के दौरान, श्री जगन्नाथजी, बलभद्रजी एवं सुभद्राजी अलग-अलग रथों पर सवार होकर अपनी मौसी के निवास गुंडिचा मंदिर जाते हैं, जो पुरी मंदिर से 3 किमी की दूरी पर है. आठ दिन के बाद वे पुरी मंदिर की ओर वापस लौटते हैं.
प्रत्येक वर्ष जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन शुरू होती है और 8 दिन बाद यानी दशमी के दिन यह यात्रा श्री जगन्नाथजी, बलभद्रजी और सुभद्राजी की घर वापसी के साथ सम्पन्न होती है. इस रथयात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं, साथ ही इस भव्य आयोजन को देखने के लिए भारी संख्या में विदेशी पर्यटन भी पुरी आते हैं. मगर इस वर्ष कोविड 19 के मानकों का पालन करते हुए कम से कम लोगों को रथयात्रा में शामिल होने की अपील की गयी है.