International Moon Day 2024: चंद्रमा पर पहला कदम! जश्न के 55 बरस! जानें किन-किन देशों ने चंद्र-यात्रा की इसमें क्या हैं भारत की उपलब्धियां!

चंद्रमा के प्रति इंसानी संवेदना इसी से समझा जा सकता है कि इस पर मानव स्पर्श के बावजूद चंद्र-दर्शन एवं व्रत-पर्व आदि मनाने की परंपरा सदियों से निभाई जा रही है. हिंदू धर्म कथाओं में तो चंद्रमा को चंद्र देव के रूप में भी परिभाषित किया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों की आविष्कारी प्रवृत्ति चंद्रमा पर जीवन तलाशने की हर संभावनाओं को खंगाल रही है.

international moon day (img: file photo)

चंद्रमा के प्रति इंसानी संवेदना इसी से समझा जा सकता है कि इस पर मानव स्पर्श के बावजूद चंद्र-दर्शन एवं व्रत-पर्व आदि मनाने की परंपरा सदियों से निभाई जा रही है. हिंदू धर्म कथाओं में तो चंद्रमा को चंद्र देव के रूप में भी परिभाषित किया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों की आविष्कारी प्रवृत्ति चंद्रमा पर जीवन तलाशने की हर संभावनाओं को खंगाल रही है. इसी से प्रेरित होकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2021 से प्रत्येक वर्ष 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाने का फैसला किया. गौरतलब है कि इसी दिन ‘अपोलो 11 चंद्र-मिशन’ के तहत इंसान ने पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा था. अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस पर आइये जानते हैं, चंद्रमा एवं अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस के बारे में विस्तार से

चंद्रमा को ताकने नहीं छूने की मंशा

सैकड़ों सालों से मनुष्य एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा की उत्पत्ति और उससे जुड़े रहस्यों पर विचार करते हुए आकाश की ओर देखती रही है. अंतरिक्ष की ओर बढ़ती गतिविधियों के साथ, चंद्रमा तमाम मिशनों का लक्ष्य बन गया, जो ब्रह्मांड में किसी अन्य स्थान पर पहले मानव चरणों के निशान लाती थीं. जैसे-जैसे चंद्रमा की खोज की महत्वाकांक्षी योजनाएं आकार लेती रहेंगी, यह वैश्विक उत्सव न केवल अतीत और वर्तमान की सफलता की स्मृतियों को ताजा करेगा, बल्कि भविष्य के प्रयासों के लिए साक्ष्य के रूप में भी काम करेगा. यह भी पढ़ें : Guru Purnima 2024 Date: क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व? जानें इसका महत्व एवं इससे जुड़ी पौराणिक कथा!

अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस का इतिहास

गौरतलब है कि 20 जुलाई 1969 को अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज़ ने एल्ड्रिन नासा के अपोलो 11 मिशन के तहत चंद्रमा को स्पर्श एवं उस पर चहलकदमी करने वाले पहले मानव थे. मानव जाति के लिए यह एक बहुत बड़ी सफलता थी. कहा जाता है कि दोनों अंतरिक्ष यात्री करीब ढाई घंटे चंद्रमा पर चहलकदमी कर दुनिया भर की वाहवाही बटोरी थी. इस महान उपलब्धि को सेलिब्रेट करने और चंद्रमा की अन्य खोजों को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2021 में प्रत्येक 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाने की घोषणा की.

इस तरह साकार हुआ चंद्रमा छूने का सपना

25 मई 1969 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने घोषणा की कि अमेरिका नासा के जरिये अपोलो अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत पहली बार मनुष्य को चंद्रमा पर उतरने की तैयारी कर रहा है. इस तरह चंद्रमा पर पहला कदम एक अमेरिकी रखेगा. 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 अपने साथ नील एल्डन स्ट्रांग और एडिविन बज ने जब चंद्रमा पर पहला कदम रखा तो दुनिया भर की सांसे थम-सी गई थीं. नील आर्म स्ट्रांग के बाद उनके सहयात्री बज एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखा, जबकि तीसरे यात्री माइकल कॉलिंस चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते हुए मुख्य यान में ही बैठे रहे. रेंजर 7 द्वारा चंद्रमा की सतह की पहली छवियां अमेरिका में देखने को मिली.

चंद्रमा की सैर करने वाले भारत समय ये देश

* अपोलो 11 मिशन के तहत, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1969 से 1972 तक 6 मानव मिशन चंद्रमा पर भेजे. इन मिशनों के जरिये 24 अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरे.

* साल 1966 में रूस ने लूना 9 के साथ चंद्रमा पर पहली सफल सॉफ्ट लैंडिंग की. रूस ने चंद्रमा पर कई अन्य मिशन भी भेजे, जिनमें रोवर, उपग्रह और लैंडर्स शामिल थे.

* 2019 में भारत ने चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर पहली बार सफलतापूर्वक रोवर भेजा. इससे पूर्व चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. चंद्रयान-3 को जो दो अतिरिक्त सफलता हासिल हुईं, जिसमें एक चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने और द्वितीय चंद्रमा पर पानी की संभावना बताने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना.

* चीन ने 2020 में चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर पहली सफल सॉफ्ट लैंडिंग की. चीन ने चंद्रमा पर कई अन्य मिशन भी भेजे हैं, जिनमें चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 शामिल थे.

Share Now

\