Indian Navy days 50th years 2021: क्यों मनाते हैं भारतीय नेवी दिवस? जानें दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी भारतीय नौसेना बल के रोचक तथ्य!
आज हम भारतीय नौ सेना दिवस की 50वीं जयंती मनाने रहे हैं. यह दिवस 4 दिसंबर 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान शुरू किए गए ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना की विजय के उपलक्ष्य में मनाते हैं.
आज हम भारतीय नौ सेना दिवस की 50वीं जयंती मनाने रहे हैं. यह दिवस 4 दिसंबर 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान शुरू किए गए ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना की विजय के उपलक्ष्य में मनाते हैं.
भारत में नौसेना दिवस प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को मनाया जाता है. साल 1971 में यह दिन हमारी भारतीय नौसेना बल द्वारा भारत पाकिस्तान युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट की सफलता के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. नौसेना बल की वीरता को उजागर करने के लिए हर साल इस आयोजन को चिह्नित करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है. गौरतलब है कि भारत इस वर्ष 50वां भारतीय नौसेना दिवस मना रहा है. इस दिवस को हम भारतीय बड़े जोश एवं उत्साह के साथ सेलीब्रेट करते हैं. आइये जानें इस दिन भारतीय नौसेना ने कितनी बहादुरी से दुश्मन देश पर विजय पाई थी.
इतिहास गवाह है कि 4 दिसंबर 1971 के दिन भारतीय नौसेना ने भारत-पाकिस्तान युद्ध के दरम्यान बड़े साहस, जांबाजी एवं बुद्धिमानी के साथ पाकिस्तान के 4 जहाजों को जल समाधि दिलाकर अपनी श्रेष्ठता का प्रमाण दिया था. यह विजय कराची बंदरगाह पर भारतीय नौसेना द्वारा शुरु किये गये एक आक्रामक ऑपरेशन ऑपरेशन ट्राइडेंट के जरिये हमने हासिल की थी. इस युद्ध में पाकिस्तान के सैकड़ों सैनिक की मृत्यु हुई थी. यह भी पढ़ें : Indian Navy Day 2021 Wishes: भारतीय नौसेना दिवस पर इन शानदार Quotes, WhatsApp Stickers, Facebook Messages, HD Images के जरिए दें शुभकामनाएं
भारतीय नौसेना दिवस 2021 के इस महान अवसर पर भारतीय नौसेना के संदर्भ में प्रस्तुत है कुछ रोचक तथ्य.
* 67 हजार से अधिक सक्रिय कर्मियों के साथ भारतीय नौसेना दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी नौसेना है.
* इसकी स्थापना मूल रूप से साल 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी. तब इसे रॉयल इंडियन नेवी के नाम से जाना जाता था. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात, 26 जनवरी, 1950 को इसका नामकरण कर भारतीय नौसेना कर दिया गया.
* कमीशन पाने वाले पहले भारतीय थे, सब लेफ्टिनेंट श्री डी.एन. मुखर्जी, जो साल 1928 में एक इंजीनियर अधिकारी के रूप में रॉयल इंडियन मरीन में शामिल हुए थे.
* द्वितीय विश्व युद्ध के समय, रॉयल इंडियन नेवी में आठ युद्धपोत शामिल थे. युद्ध के अंत तक, इसकी ताकत 117 लड़ाकू जहाजों और 30,000 कर्मियों तक बढ़ गई थी.
* स्वतंत्रता प्राप्ति के समय, रॉयल इंडियन नेवी में लगभग 11,000 अधिकारियों और पुरुषों के साथ, केवल तटीय गश्त के लिए उपयुक्त 32 पुराने जहाज थे.
* रियर एडमिरल जेटीएस हॉल स्वतंत्रता के बाद का पहला कमांडर-इन-चीफ थे, विशेष रूप से, स्वतंत्रता के बाद, वरिष्ठ अधिकारी रॉयल नेवी से लिए गए थे. भारतीय नौसेना के पहले कमांडर-इन-चीफ एडम सर एडवर्ड पैरी थे.
* 22 अप्रैल, 1958 को वाइस एडमिरल आरडी कटारी ने नौसेना स्टाफ के पहले भारतीय प्रमुख के रूप में पद-भार ग्रहण किया.
* मरीन कमांडो फोर्स (MCF), जिसे MARCOS के नाम से भी जाना जाता है, एक विशेष ऑपरेशन यूनिट है, जिसे 1987 में एम्फीबियस वारफेयर, क्लोज क्वार्टर कॉम्बैट काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन के लिए भारतीय नौसेना द्वारा स्थापित किया गया था.
* भारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ‘ट्राइडेंट’ और 8 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ‘पायथन’ को पाकिस्तानी नौसेना के खिलाफ सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेरा था. भारतीय नौसेना संयुक्त बलों के अभ्यास का एक हिस्सा थी,
* वर्तमान में भारतीय नौसेना के पास एक विमानवाहक पोत है - आईएनएस विक्रमादित्य. अक्टूबर 2020 तक, नौसेना के उप-सतह बेड़े में एक परमाणु-संचालित अटैक पनडुब्बी, दो बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी, 15 पारंपरिक रूप से संचालित अटैक पनडुब्बी शामिल हैं. भारतीय नौसेना बल बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी औपचारिक रूप से भारतीयों के लिए राहत कार्यों में हिस्सा लेती है.