World Lupus Day 2019: इम्यून सिस्टम को कमजोर करने वाली गंभीर बीमारी है ल्यूपस, जानिए इसके लक्षण, कारण और रोकथाम के तरीके
ल्यूपस बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से हर साल 10 मई को वर्ल्ड ल्यूपस डे यानी विश्व ल्यूपस दिवस मनाया जाता है. हर साल इस दिवस को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है. इस बार लेट्स जॉइन टुगेदर टू फाइट ल्यूपस थीम रखा गया है.
World Lupus Day 2019: ल्यूपस बीमारी (Lupus) के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से हर साल 10 मई को वर्ल्ड ल्यूपस डे यानी विश्व ल्यूपस दिवस (World Lupus Day) मनाया जाता है. हर साल इस दिवस को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है. इस बार लेट्स जॉइन टुगेदर टू फाइट ल्यूपस (Let’s Join Together to Fight Lupus) थीम रखा गया है. दरअसल, ल्यूपस को सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमैटोसस (Systemic lupus Erythematosus) भी कहा जाता है. यह शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने वाली एक गंभीर बीमारी है और अगर इम्यून सिस्टम (Immune System) ही कमजोर हो जाएगा तो कई बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं.
हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि अगर खान-पान के साथ जीवनशैली का खास तौर पर ख्याल रखा जाए तो इस बीमारी को नियंत्रित भी किया जा सकता है. चलिए वर्ल्ड ल्यूपस डे के मौके पर जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और रोकथाम के तरीके.
क्या है ल्यूपस रोग?
ल्यूपस एक गभीर ऑटो-इम्यून इंफ्लेमेटरी डिसीज है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है. इसके चलते शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है और त्वचा, किडनी, रक्त कोशिकाओं, दिमाग, हृदय और फेफड़ों पर इसका गंभीर असर पड़ता है. दरअसल, ल्यूपस से पीड़ित लोगों में प्रतिरक्षा प्रणाली ऑटो एंटीबॉडी बनाती है, जो शरीर के स्वस्थ ऊतकों को नष्ट कर देती है. इससे पूरे शरीर को क्षति पहुंच सकती है और शरीर में सूजन व दर्द हो सकता है. यह भी पढ़ें: World Asthma Day 2019: अस्थमा को न समझें आम स्वास्थ्य समस्या, जानिए सांस से जुड़ी इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
क्या है इसके लक्षण?
- सिरदर्द और बुखार की समस्या.
- शारीरिक थकान महसूस होना.
- शरीर, छाती और जोड़ों में दर्द .
- सांस लेने में परेशानी होना.
- त्वचा पर तितली के पंख जैसे लाल चकते या दाद.
- आंखों में सूखेपन की समस्या.
- उलझन या भ्रम की स्थिति.
- याददाश्त कमजोर होना.
- सूर्य की रोशनी में आने पर त्वचा को नुकसान.
ल्यूपस के कारण
- आनुवांशिक या पारिवारिक इतिहास.
- स्मोकिंग, प्रदूषण, सिलिका धूल के संपर्क में आना .
- साइटोमेगालोवायरस, एपस्टीन-बार या हेपेटाइटिस सी वायरस.
- एस्ट्रोजन नामक हार्मोंन के स्तर में असामान्य वृद्धि.
- एप्रेसोलिन, प्रोकैनबिड और क्विनिडाइन नामक दवाएं.
ल्यूपस की रोकथाम
- सूर्य की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से परहेज करें.
- मानसिक तनाव से मुक्त रहने की कोशिश करें.
- बीमारियों से पीड़ित लोगों के आस-पास रहने से बचें.
- ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशिश करें.
- अगर धूम्रपान करते हैं तो यह आदत छोड़ दें.
- इस बीमारी से जुड़े लक्षण नजर आए तो डॉक्टर से संपर्क करें.
डायट में शामिल करें ये चीजें
- एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें.
- अलसी, कैनोला ऑयल, ऑलिव ऑयल, फिश, मूंगफली का सेवन करें.
- लो फैट मिल्क, दही, चीज, पालक और ब्रोकोली को डायट का हिस्सा बनाएं. यह भी पढ़ें: World Malaria Day 2019: मलेरिया उन्मूलन के लिए भारत के प्रयासों की WHO ने की सराहना, जानिए कैसे फैलती है यह बीमारी और क्या है इसके लक्षण
गौरतलब है कि ल्यूपस एक गंभीर बीमारी है, जिसका निदान मुश्किल होता है, क्योंकि समय के साथ-साथ इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं और इसके लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं. हालांकि इस रोग का पता लगाने के लिए डॉक्टर फिजिकल टेस्ट के अलावा रक्त गणना, मूत्र विश्लेषण, एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी परीक्षण, सीने का एक्स-रे, टिशू बायोप्सी कर सकते हैं.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.