What is ADHD: क्या है एडीएचडी बीमारी? जानें इसके लक्षण और निदान का तरीका

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों में ध्यान केंद्रित न रहने की समस्या बढ़ती जा रही है. यह परेशानी सिर्फ बाहरी कारकों से नहीं होती, बल्कि यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है. इसे अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) कहा जाता है.

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What is ADHD: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों में ध्यान केंद्रित न रहने की समस्या बढ़ती जा रही है. यह परेशानी सिर्फ बाहरी कारकों से नहीं होती, बल्कि यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है. इसे अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) कहा जाता है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में लाखों लोग इससे प्रभावित हैं. यह बीमारी बच्चों और बड़ों को समान रूप से प्रभावित करती है, इसके कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इसे आनुवांशिक कारणों, मस्तिष्क की संरचना में बदलाव और बाहरी कारकों से जोड़ा जाता है.

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ADHD खराब परवरिश या अनुशासनहीनता की वजह से नहीं होता, बल्कि यह एक चिकित्सा स्थिति है जिसे समझना और प्रबंधित करना आवश्यक है.

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क्या है ADHD?

ADHD एक न्यूरो-डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जो मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करने, आवेगों को नियंत्रित करने और अत्यधिक सक्रियता (हाइपरएक्टिविटी) से जुड़ा होता है. यह आमतौर पर बचपन में पहचाना जाता है, लेकिन इसके लक्षण वयस्कता तक भी बने रह सकते हैं.

ADHD के लक्षण:

ADHD के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं:

1. ध्यान भटकने वाला (inattentive),

2. अतिसक्रिय (Hyperactive)

3. आवेगशीलता (Impulsivity)

हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

1. ध्यान भटकना (inattentive): ऐसे लोग ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस करते हैं, विशेष रूप से उन कार्यों में जो मानसिक रूप से थकाऊ होते हैं. इसके सामान्य लक्षण हैं:

>कार्यों को व्यवस्थित करने में मुश्किल

>रोजमर्रा की चीजें (जैसे चाबी, मोबाइल) खो देना

>कार्यों को पूरा न कर पाना

>बाहरी चीज़ों से आसानी से ध्यान भटकना

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2. अतिसक्रिय (Hyperactivity): इसमें व्यक्ति खुद को शांत नहीं रख पाता और सामान्यतः फिजिकल एक्टिविटी से भरा रहता है. इसके सामान्य लक्षण हैं:

>लगातार हिलना-डुलना या हाथ-पैर हिलाना

>लंबे समय तक एक जगह बैठने में कठिनाई

>अत्यधिक बात करना

>दूसरों की बातों को बीच में रोकना

3. आवेगशीलता (Impulsivity): ऐसे लोग बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देते हैं. इसके लक्षण हैं:

>बिना सोचे-समझे निर्णय लेना

>किसी की बात काट देना

>अपनी बारी का इंतजार न कर पाना

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ADHD का निदान और प्रबंधन

ADHD का निदान व्यापक मूल्यांकन के माध्यम से किया जाता है, जिसमें व्यक्ति के व्यवहार का आकलन होता है. इसका कोई एकल परीक्षण नहीं होता, लेकिन चिकित्सा पेशेवर प्रश्नावली और साक्षात्कार का उपयोग कर इसका पता लगाते हैं. इलाज में दवाएं और व्यवहारिक चिकित्सा शामिल हो सकती है, जो व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को व्यवस्थित करने में मदद करती हैं. ADHD के साथ लोग चुनौतियों का सामना करते हैं, लेकिन सही इलाज और समर्थन से वे सफल और संतोषजनक जीवन जी सकते हैं.

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