Covid-19 Heart Attack Risk: कोरोना की पहली लहर से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा, कोविड-19 रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा

कोविड-19 की पहली लहर के दौरान गंभीर संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का दोगुना खतरा होता है. रिसर्च में बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के लिए यह खतरा चार गुना बढ़ जाता है. इसके साथ ही ब्लड ग्रुप A, B, और AB वाले लोगों को कोविड-19 से जुड़े हृदय संबंधी जटिलताओं का अधिक खतरा होता है.

कोविड-19 की पहली लहर के दौरान गंभीर संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों को दिल के दौरे और स्ट्रोक का दोगुना खतरा होता है. रिसर्च में यह भी बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के लिए यह खतरा चार गुना बढ़ जाता है. इसके साथ ही ब्लड ग्रुप A, B, और AB वाले लोगों को कोविड-19 से जुड़े हृदय संबंधी जटिलताओं का अधिक खतरा होता है.

Arteriosclerosis, Thrombosis, and Vascular Biology जर्नल में यह रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित हुआ है. इसके परिणाम बताते हैं कि यह बढ़ा हुआ जोखिम तीन वर्षों तक भी बना रह सकता है.

गंभीर कोविड-19 और दिल की समस्याएं 

अध्ययन में यह पाया गया है कि जो लोग कभी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, उनके दिल के दौरे, स्ट्रोक और मृत्यु का जोखिम उन लोगों की तुलना में दोगुना है, जो कभी संक्रमित नहीं हुए. विशेष रूप से, जिन लोगों को इस वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, उनके लिए यह जोखिम चार गुना अधिक है.

डॉ. हूमान अल्लायEE, इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता, ने कहा, "गंभीर कोविड-19 द्वारा उत्पन्न हृदय संबंधी खतरों की तुलना टाइप 2 मधुमेह से की जा सकती है. 2010 से 2019 के बीच हृदय संबंधी मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही थी. लेकिन अचानक, 2020 से 2022 के बीच, कोविड-19 के कारण दस वर्षों की प्रगति पूरी तरह से समाप्त हो गई."

रक्त समूह का प्रभाव 

अध्ययन में यह भी बताया गया है कि विभिन्न रक्त समूहों के लोगों के लिए जोखिम अलग-अलग होता है. रक्त समूह A, B और AB वाले लोग कोविड-19 से बढ़ती हृदय संबंधी जटिलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जबकि रक्त समूह O वाले लोगों में यह जोखिम कम होता है.

टीकाकरण का महत्व 

डॉ. अल्लायEE ने टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "आपको चाहे जो भी टीका मिला हो, टीकाकरण या बूस्टर के छह महीने बाद दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है. लेकिन समय के साथ इम्युनिटी कम हो जाती है, इसलिए आपको बूस्टर की आवश्यकता होती है."

स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव 

जिन व्यक्तियों ने गंभीर कोविड-19 का सामना किया है, खासकर जिन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है, उन्हें अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं से इस वायरस के संभावित दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में सलाह लेने की सलाह दी जाती है. डॉ. अल्लायEE ने कहा, "यह वायरस जाने वाला नहीं है, इसलिए हमें इसके बारे में बात करनी शुरू करनी होगी. अपने टीकाकरण और बूस्टर पर ध्यान दें और नियमित जांच कराते रहें."

कोविड-19 महामारी ने न केवल स्वास्थ्य संकट उत्पन्न किया है, बल्कि इसके दीर्घकालिक प्रभाव भी गंभीर हो सकते हैं. दिल के दौरे और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम को समझना और इससे बचाव के उपाय करना आवश्यक है. यह अध्ययन न केवल यह बताता है कि कोविड-19 के संक्रमण का एक गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकता है, बल्कि यह भी बताता है कि हमें अपनी स्वास्थ्य देखभाल के प्रति जागरूक रहना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

टीकाकरण और बूस्टर खुराक के महत्व को नकारना नहीं चाहिए, क्योंकि यह दिल की समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है. कोविड-19 के साथ जीने की इस नई वास्तविकता में, सतर्कता और नियमित स्वास्थ्य जांच ही सबसे बेहतर उपाय है.

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