Oral Sex Causing Throat Cancer: ओरल सेक्स गले के कैंसर की महामारी को दे सकता है बढ़ावा, डॉक्टर की चेतावनी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Oral Sex Fueling Throat Cancer: अमेरिका (America) में गले के कैंसर (Throat Cancer) की एक लहर के पीछे ओरल सेक्स (Oral Sex) को एक्स-रेटेड अपराधी (X-Rated Culprit) बताया जा रहा है, जो तथाकथित महामारी को बढ़ावा दे रहा है. दरअसल, बर्मिंघम विश्वविद्यालय में कैंसर और जीनोमिक विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर हिशम मेहन्ना (Hisham Mehanna) के अनुसार, इसके लिए मानव पेपिलोमावायरस (Human Papillomavirus) दोषी हो सकता है. उन्होंने अपने वार्तालाप के लिए लिखा कि ऑरोफरीन्जियल कैंसर (Oropharyngeal Cancer) के लिए मुख्य जोखिम कारक आजीवन यौन साझेदारों की संख्या है, विशेष रूप से ओरल सेक्स. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, साल 2015 से 2019 तक एचपीवी से जुड़े ऑरोफरीन्जियल कैंसर (गले के कैंसर का एक प्रकार)  महिलाओं में 1.3% और पुरुषों में 2.8% की दर से बढ़ा है. यह भी पढ़ें: Sex Survey 2023: सेक्स में रूचि रखने वाले पुरुषों की उम्र होती है लंबी, जापान के एक अध्ययन में खुलासा

सीडीसी का अनुमान है कि अमेरिका में 70 फीसदी ऑरोफरीन्जियल कैंसर, जो टॉन्सिल, जीभ के आधार और गले के पीछे को प्रभावित करते हैं, इसका कारण एचपीवी संक्रमण है. पिछले अध्ययनों से पता चला है कि कई यौन साथी एचपीवी को पकड़ने और मुंह या गले के कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

साल 2021 में शोधकर्ताओं ने पाया कि 10 या अधिक ओरल सेक्स पार्टनर वाले लोगों में एचपीवी से संबंधित मुंह और गले के कैंसर होने की संभावना चार गुना अधिक थी. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के आंकड़ों के अनुसार, करीब 15 से 19 साल के 41 फीसदी किशोर ओरल सेक्स करते हैं. साल 2018 में 26 मिलियन नए एसटीडी संक्रमणों में से लगभग आधे के लिए 15 से 24 साल के युवा जिम्मेदार थे. यह भी पढ़ें: Vaccines for Cancer and Heart Disease: कैंसर और दिल की बीमारियों के लिए वैक्सीन, दशक के अंत तक टीके तैयार होने की उम्मीद

एचपीवी सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) में से एक है, जो अनुमानित 42 मिलियन अमेरिकियों को प्रभावित करता है. सीडीसी के मुताबिक यह इतना प्रचलित है कि लगभग सभी यौन सक्रिय पुरुषों और महिलाओं को उनके जीवन में किसी बिंदु पर यह वायरस मिलता है. आमतौर पर यह हानिरहित होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह सर्वाइकल या ऑरोफरीन्जियल कैंसर का कारण बन सकता है.