Menstrual Hygiene Day 2019: पीरियड्स के दौरान पर्सनल हाइजीन की कमी सेहत के लिए घातक, महिलाएं ऐसे रखें साफ-सफाई का ख्याल
अगर महिलाएं मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई को लेकर लापरवाही बरतती हैं तो इससे बुखार, अनियमित पीरियड्स, यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, जननांगों में चकत्ते, गर्भधारण में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
Menstrual Hygiene Day: महिलाओं को हर महीने पीरियड्स (Periods) के असनीय दर्द से गुजरना पड़ता है, लेकिन इस दौरान महिलाओं को अपने प्राइवेट पार्ट (Private Part) की हाइजीन (Hygiene) का भी खास तौर पर ख्याल रखने की जरूरत होती है. पीरियड्स के दौरान पर्सनल हाइजीन (Personal Hygiene) में जरा सी भी लापरवाही महिलाओं की सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है. इस दौरान अगर प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का सही तरीके से ख्याल नहीं रखा गया तो इससे संक्रमण का खतरा बढ़ने के साथ इंफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है.
यहां अफसोस की बात तो यह है कि आज भी भारत की अधिकांश महिलाएं पीरियड्स के दिनों में पर्सनल हाइजीन को नहीं अपनाती हैं, क्योंकि उन्हें ये पता ही नहीं होता है कि आखिर महावारी के दिनों में हाइजीन का ख्याल किस तरह से रखा जाए. महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हाइजीन को लेकर जागरूक करने के लिए ही हर साल 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (Menstrual Hygiene Day 2019) मनाया जाता है.
पर्सनल हाइजीन क्यों है जरूरी?
पीरियड्स के दौरान पर्सनल हाइजीन को मेंटेन रखकर महिलाएं कई तरह की बीमारियों के खतरे से खुद को बचा सकती हैं. अगर महिलाएं मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई को लेकर लापरवाही बरतती हैं तो इससे बुखार, अनियमित पीरियड्स, यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, जननांगों में चकत्ते, गर्भधारण में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
हो सकती हैं ये स्वास्थ्य समस्याएं-
1- यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन- पीरियड्स के दौरान गंदे कपड़े या फिर चार घंटे से ज्यादा समय तक सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करने से हानिकारक बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं जो यूरीनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं.
2- जननांगों में चकत्ते व एलर्जी- पीरियड्स के दौरान एक ही पैड को घंटों तक इस्तेमाल करने की वजह से प्राइवेट पार्ट की त्वचा में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिसके चलते जननांगों में चकत्ते हो सकते हैं. पीरियड्स के दौरान एलर्जी या चकत्ते से बचने के लिए 4-6 घंटे में पैड बदलें. यह भी पढ़ें: प्राइवेट पार्ट की सेहत को महिलाएं न करें नजरअंदाज, ऐसे रखें हाइजीन का ख्याल
3- रिप्रोडक्टिव पार्ट में इंफेक्शन- पीरियड्स के दिनों में हाइजीन की कमी से रिप्रोडक्टिव पार्ट में इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है, इसलिए स्वच्छता का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. दरअसल, इन संक्रमणों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया प्रजनन मार्ग पर हमला कर देते हैं, जिससे गर्भाशय की दीवार, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंच सकता है.
4- सर्वाइकल कैंसर का खतरा- सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैविलोमा वायरस के कारण महिलाओं के गर्भाशय में होने वाला कैंसर है. यह वायरस यौन संचारित होता है, इसलिए अगर मासिक धर्म में हाइजीन मेंटेन नहीं किया गया तो यह संक्रमण आसानी से फैल सकता है.
5- यीस्ट इंफेक्शन व हैपेटाइटिस बी- पीरियड्स के दौरान पैड बदलने के बाद अगर महिलाएं अच्छे से अपने हाथ नहीं धोती हैं तो इससे उन्हें यीस्ट इंफेक्शन या हैपेटाइटिस बी हो सकता है. इस संक्रमण से बचने के लिए पैड बदलने और इस्तेमाल किए हुए पैड को डिस्पोज करने के बाद अपने हाथों को अच्छे से साफ जरूर करें.
ऐसे रखें पर्सनल हाइजीन का ख्याल-
पीरियड्स के दौरान स्वच्छता की कमी से होने वाली समस्याओं से बचने के लिए महिलाएं इन आसान तरीकों से पर्सनल हाइजीन का ख्याल रख सकती हैं.
1- हर 4-6 घंटे में बदले पैड
मासिक धर्म के दौरान हाइजीन का सही तरीके से ख्याल रखने के लिए हर 4-6 घंटे में सैनिटरी पैड बदलें. ज्यादा देर तक एक ही पैड का इस्तेमाल करने के कारण प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन और दुर्गंध की समस्या हो सकती है.
2- प्राइवेट पार्ट की सफाई
मासिक धर्म के दौरान हाइजीन को बरकरार रखने के लिए नियमित रूप से अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करें. ऐसा करने पर प्राइवेट पार्ट से आनेवाली दुर्गंध दूर होती है साथ ही खतरनाक संक्रमण से भी बचाव होता है.
3- पैंटी लाइनर्स का इस्तेमाल
पीरियड्स के दौरान हाइजीन को मेंटेन रखने के लिए आपको पैंटी लाइनर्स का इस्तेमाल करना चाहिए. दरअसल, जब कम रक्तस्राव होता है तो पैंटी लाइनर्स का उपयोग सबसे अधिक अनुशंसित मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं में से एक होता है. इससे अंडरवियर पर दाग लगने की चिंता भी नहीं होती है.
4- मैन्सट्रूअल कप्स चुनें
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को टैम्पोन की जगह मैन्स्ट्रूअल कप्स ज्यादा आरादायक महसूस होते हैं. ये कप्स बल्ड फ्लो को सोखने की बजाय उसे इकट्ठा करने का काम करते हैं. इससे लीक कम होता है और हर आधे घंटे में बाथरूम जाने की जरूरत नहीं पड़ती है.
5- गर्म पानी से स्नान
पीरियड्स के दौरान गर्म पानी से स्नान करना महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है. इससे महिलाओं को पीरियड्स के दर्द से राहत मिलती है और शरीर की थकान भी दूर होती है. गर्म पानी से स्नान करने से संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया का भी खात्मा होता है. यह भी पढ़ें: क्या आप पीरियड्स की अनियमितता से हैं परेशान? अपनाएं ये आसान उपाय
6- टाइट पैंट न पहनें
पीरियड्स के दौरान टाइट पैंट पहनने पर आप खुद को असहज महसूस कर सकती हैं. दरअसल, पीरियड्स में टाइट जींस पहनने से आपके प्राइवेट पार्ट में फोड़े या चकत्ते हो सकते हैं. इससे बचने के लिए सूती के पैंट, लंबी स्कर्ट जैसे ढीले-ढाले कपड़े पहनें.
7- खाने से पहले हाथ धोएं
पीरियड्स के दौरान हर 4-6 घंटे में पैड बदलने के साथ ही हाथों के हाइजीन का ख्याल रखना भी जरूरी है. जब भी आप पैड चेंज करती हैं अपने हाथों की अच्छे से सफाई करें और पीरियड्स के दिनों में कुछ भी खाने से पहले अपने हाथों को धोना न भूलें.
गौरतलब है कि महिलाओं का प्राइवेट पार्ट वाला हिस्सा बेहद नाजुक होता है, इसलिए सिर्फ पीरियड्स में ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी उसकी सफाई के लिए कठोर साबुन का इस्तेमाल करने से बचें. इसकी जगह प्राइवेट पार्ट के हाइजीन के लिए फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें.