सिर्फ एक मैसेज भेजकर जाने कि क्या आपकी दवा असली है या नहीं
नकली दवाइयों का कारोबार होगा बंद (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: अगर जीवन रक्षक दवाइया ही नकली निकले तो बीमारी का ठीक होना असंभव है. दरअसल देशभर में नकली दवाईयों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. इसी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार अब कड़े कदम उठाने जा रही है. जानकारी के मुताबिक जल्द ही सरकार देश में नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए दवाओं के ऊपर एक विशेष कोड का प्रकाशन करवाएगी.

ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड जल्द ही इसपर बड़ा ऐलान कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह तरीका बेहद आसान होगा. इस कोड को एक तय नंबर पर मैसेज कर उपभोक्ता को पता लग जायेगा कि उसके द्वारा खरीदी गई दवा असली है या नकली. साथ ही यह मैसेज दवा के उत्पादक की भी जानकारी उपलब्ध करवाएगा.

हालांकि पहले चरण में सरकार ने अबतक देशभर की 300 दवा ब्रांड्स की पहचान की है. इन दवाओं पर कंपनियों से 14 अक्षरों का अल्फ़ान्यूमैरिक कोड छापने को कहा जाएगा.

अभी कुछ दिन पहले ही दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाइयों की एक फैक्‍ट्री का पर्दाफाश था. पुलिस को जानकारी मिली थी कि दिल्‍ली के कैरानी में नकली दवाइयों की फैक्‍ट्री चल रही है. सूचना के मुताबिक पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छापा मार और नकली दवाइयों का जखीरा बरामद किया. साथ ही इस फैक्‍ट्री में शामिल लोगों की तलाश में जुटी गई थी.

इसके अलावा केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन सीडीएससीओ ने हिमाचल में बन रही दिल की बीमारी, एंटी बायोटिक, कब्ज, हड्डियों और गैस्टिक की दवाओं का प्रयोग न करने की चेतावनी दी है. दरअसल, संगठन के पास जांच के लिए इन दवाइयों के 6 सैंपल लिए थे, जो फेल हो गए थे.