Breast Cancer Treatment: स्तन कैंसर के उपचार में नर्व डैमेज का पूर्वानुमान लगाने वाले उपकरण बनाए
स्वीडिश शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो स्तन कैंसर के उपचार से प्रत्येक व्यक्ति में नर्व डैमेज (तंत्रिका क्षति) के जोखिम का पूर्वानुमान लगा सकता है.
Breast Cancer Treatment: स्वीडिश शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो स्तन कैंसर के उपचार से प्रत्येक व्यक्ति में नर्व डैमेज (तंत्रिका क्षति) के जोखिम का पूर्वानुमान लगा सकता है. स्तन कैंसर की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कीमोथेरेपी दवा टैक्सेन का उपयोग करके स्तन कैंसर का इलाज कराने वाली कई महिलाओं को अक्सर नर्व डैमेज में दुष्प्रभावों का अनुभव होता है. स्वीडन के लिंकोपिंग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित नया उपकरण, डॉक्टरों को सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों में लगातार होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिए उपचार में मदद कर सकता है.
यूनिवर्सिटी की क्रिस्टीना एंगवाल ने बताया कि स्तन कैंसर के लिए टैक्सेन से उपचार के बाद तंत्रिका क्षति एक बहुत ही आम दुष्प्रभाव है. ये अक्सर कई सालों तक बने रहते हैं. उन्होंने कहा, ''इससे प्रभावित लोगों के लिए यह अत्यंत तनावपूर्ण है और इसका जीवन की गुणवत्ता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.'' एनपीजे प्रिसिजन आंकोलाजी पत्रिका में प्रकाशित शोध के लिए टीम ने स्तन कैंसर के लिए इस्तेमाल होने वाली दो सबसे आम टैक्सेन दवाएं डोसेटेक्सेल या पैक्लिटैक्सेल से उपचारित 337 रोगियों के दुष्प्रभावों का सर्वेक्षण किया. दो से छह साल के बीच चार में से एक से ज्यादा मरीजों ने पैरों में ऐंठन की शिकायत की, जो तंत्रिका क्षति या परिधीय तंत्रिकाविकृति का सबसे आम दुष्प्रभाव है. यह भी पढ़ें: Anger Management Tips: छोटी-छोटी बात पर क्रोध करना खुद के लिए खतरनाक हो सकता है! जानें क्रोध पर कंट्रोल करनेवाले कुछ टिप्स!
जार खोलने में कठिनाई, पैरों में सुन्नता, पैरों में झुनझुनी और सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई अन्य दुष्प्रभाव थे. पूर्वानुमान मॉडल विकसित करने के लिए शोधकर्ताओं ने रोगियों के जीन को अनुक्रमित किया और फिर ऐसे मॉडल बनाए जो आनुवंशिक विशेषताओं को टैक्सेन उपचार के विभिन्न दुष्प्रभावों से जोड़ते हैं. शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग का उपयोग करके पैरों में लगातार सुन्नता और झुनझुनी के जोखिम को मॉडलिंग करने में सफलता प्राप्त की. दोनों मॉडलों ने मरीजों को दो समूहों में विभाजित किया, इनमें से एक समूह में लगातार दुष्प्रभावों का उच्च जोखिम था, तथा दूसरा समूह सामान्य जनसंख्या में परिधीय न्यूरोपैथी की आवृत्ति के अनुरूप था.