Coronavirus: अमेरिका में वायरोलॉजिस्ट ने दी SARSCoV2 के लिए संभावित चिकित्सीय उपचार की सूचना, जो बनता है COVID-19 संक्रमण का कारण
कोविड-19 वैक्सीन बनाने को लेकर विश्व के अधिकांश देशों में होड़ मची हुई है. इस बीच अमेरिका में वायरोलॉजिस्ट ने SARSCoV2 के लिए एक संभावित चिकित्सीय उपचार की सूचना दी है, जो कोविड-19 संक्रमण का कारण बनता है. रोगजनक कोरोना वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा है.
Coronavirus: पिछले साल दिसंबर में चीन (China) के वुहान (Wuhan) से निकले कोरोना वायरस (Coronavirus) ने लगभग पूरी दुनिया में अपने पैर पसार लिए हैं और महामारी बनकर तेजी से लोगों को अपनी जद में ले रहा है. पूरी दुनिया कोरोना वायरस का प्रकोप (Coronavirus Outbreak) झेल रही है. हालांकि इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए मास्क (Mask) लगाने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) तक के सभी नियमों का लोग पालन कर रहे हैं, बावजूद इसके आए दिन इस घातक वायरस से जुड़ी नई-नई जानकारियां सामने आती हैं. दुनिया के तमाम देशों के वैज्ञानिक भी कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. कोविड-19 वैक्सीन बनाने को लेकर विश्व के अधिकांश देशों में होड़ मची हुई है. इस बीच अमेरिका (America) में वायरोलॉजिस्ट ने SARSCoV2 के लिए एक संभावित चिकित्सीय उपचार की सूचना दी है, जो कोविड-19 संक्रमण का कारण बनता है.
रोगजनक कोरोना वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा है. कोरोना वायरस या SARSCoV वायरस से संक्रमित मरीजों में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम की शिकायत देखने को मिलती है. मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस, जिसे MERS-CoV के रूप में जाना जाता है. उसका नया उभरा हुआ स्वरूप नोवेल कोरोना वायरस यानी कोविड-19 है. यह भी पढ़ें: COVID-19 Vaccine Update: ऑक्सफोर्ड के कोरोना वैक्सीन COVISHIELD का भारत में होगा दूसरे-तीसरे चरण का ट्रायल, DCGI ने एसआईआई को दी मंजूरी
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गौरतलब है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 1 करोड़ 80 लाख के आंकड़े के पार पहुंच गए हैं, जबकि इससे संक्रमित होकर अब तक 6 लाख 92 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में कोरोना महामारी से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, क्योंकि देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेकाबु होते जा रही है. हालांकि अधिकांश देश कोरोना वैक्सीन बनाने की होड़ में हैं, लेकिन अभी तक इसमें किसी भी देश को पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिल पाई है.