जानिए आयुष काढ़ा में कब डाल सकते हैं मुलेठी, काली मिर्च
कोरोना वायरस के केस लगातार बढते जा रहे हैं. लेकिन देश में रिकवरी रेट बढ़ता जा रहा है. लोगों के रिकवर होने में इम्युनिटी काफी अच्छी प्रतिक्रिया दे रही है. इम्युनिटी बढ़ाने के लिये पीएम मोदी से से लकर तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ आयुर्वेद को अपनाने की सलाह दी है.
कोरोना वायरस के केस लगातार बढते जा रहे हैं. लेकिन देश में रिकवरी रेट बढ़ता जा रहा है. लोगों के रिकवर होने में इम्युनिटी काफी अच्छी प्रतिक्रिया दे रही है. इम्युनिटी बढ़ाने के लिये पीएम मोदी से से लकर तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ आयुर्वेद को अपनाने की सलाह दी है. आयुष मंत्रालय की ओर से भी जारी गाइडलाइन आयुष काढ़ा की पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है. लेकिन कई लोगों ने काढ़ा से गर्मी, जलन और अन्य विकार होने जैसी अन्य समस्या बताई थी. जिसके निदान के के लिये प्रसार भारती ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली की डॉ. तनुजा नेसारी से खास बातचीत की.
कोरोना से जंग में आयुर्वेद की भूमिका को कैसे देखती हैं?
कोरोना काल में संक्रमण से बचने और अगर संक्रमित हो गए तो जल्दी ठीक होने के लिये इम्युनिटी की जरूरत होती है. आयुर्वेदिक इम्युनिटी बूस्टर बाज़ार में मिलते हैं, जिनमें आंवला, अश्वगंधा, गिलोय, मुलेठी, तुलसी, दालचीनी, मुनक्का, आदि, होता है. इनके सेवन से कई लोगों को फायदा हुआ है. इसके अलावा हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के लिये आयुष को शामिल किया है. जिसमें आयुष काढ़ा, गरम पानी से गरारा, गिलोय, ऑंवला, तुलसी का सेवन करने को कहा गया है. योगासन प्राणायाम करने को भी कहा गया है. इससे इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है. स्वास्थ्य मंत्रालय को पूरी तरह विश्वास हो गया है कि कोविड से लड़ने में आयुर्वेद की अहम भूमिका है.
आयुष काढ़ा में चीजों का अनुपात क्या होना चाहिए?
अगर घर में बना रहे हैं तो दाल चीनी, तुलसी, मुनक्का का एक-एक भाग लें. इस एक भाग का चौथाई भाग काली मिर्च और सोंठ लें। सोंठ और काली र्मिच की तासीर गरम होती है, इनकी मात्रा ज्यादा हो गई तो पेशाब में जलन, पेट में गर्मी या मुंह में छाले हो सकते हैं. इन सभी चीजों को मिला कर एक चम्मच तैयार कर लें. एक गिलास पानी में ये मिश्रण डालकर 2-3 मिनट तक उबाल लें और छान कर पी सकते हैं. इसमें चीनी नहीं डालना है. हां, गुड़ या नींबू डाल सकते हैं. अगर दूध डालना है तो एक भाग दूध, एक भाग पानी डालकर एक गिलास बना कर इसे थोड़ा ज्यादा उबालना होगा.
आयुष काढ़ा एक दिन में कितनी मात्रा में लेना है?
इसे दिन भर नहीं लेना है, इससे शरीर में गर्मी हो सकती है। जिस तरह से चाय पीते हैं, उसी तरह सुबह और शाम इसका सेवन करना चाहिये. अभी अक्टूबर में मौसम बदलेगा उस दौरान पित्त के विकार, एसिडिटी, पेट में जलन, बुखार, आदि ज्यादा होता है. ऐसे समय में काढ़े में मुलेठी और इलाइची का प्रयोग करें तो गर्मी कम होगी. गिलोय का पाउडर या आंवले का पाउडर डालकर भी पी सकते हैं.
यह भी पढ़ें- ताजा खबरें | कोरोना वायरस से संक्रमित ग्रेट अंडमानी जनजाति के 11 सदस्यों में नौ ठीक हुए: सरकार
क्या सभी लोग आयुष काढ़ा का सेवन कर सकते हैं?
हां, आयुष काढ़ा सभी पी सकते हैं. दिल्ली के आयुर्वेद संस्थान की बात करें तो यहां का पूरा स्टाफ, दिल्ली पुलिस के कर्मी प्रतिदिन ले रहे हैं. इसे लोग घर में बना सकते हैं, वैसे अब बाजार में भी मिलने लगा है. ये इम्युनटी बढ़ाने के साथ-साथ एंटी वायरल एजेंट का काम भी करता है.
क्या डायबिटीज़ के मरीज आयुष काढ़ा पी सकते हैं?
जिन्हें डायबिटीज़ है, उन्हें आयुष काढ़ा जरूर लेना चाहिये. ऐसे लोग कोमोरबिडीटी में आते हैं, और उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है. मधुमेह के मरीजों को काढ़ा में आंवला और हल्दी मिला कर पीना चाहिए. इससे शुगर लेवल भी कम करने में मदद मिलती है. ध्यान रहे, इसमें चीनी या मुलेठी का प्रयोग नहीं करना है.