नई दिल्ली, 17 सितंबर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन (Harsh Vardhan) ने गुरुवार को कहा कि कोरोनावायरस वैक्सीन अगले साल की शुरूआत तक देश में उपलब्ध हो जाएगी. यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत में मामलों की संख्या 50 लाख के पार हो चुकी है और देशवासी बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं. हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा, "अन्य देशों की तरह भारत भी वैक्सीन के लिए प्रयास कर रहा है. 3 वैक्सीन कैंडिडेट का परीक्षण अलग-अलग चरणों में है. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विशेषज्ञों का एक समूह इसे देख रहा है. हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरूआत तक भारत में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी."
जायडस केडिला और भारत बायोटेक द्वारा विकसित किए जा रहे दो टीके परीक्षण का पहला चरण पूरा कर चुके हैं. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिलने के बाद फिर से परीक्षण शुरू कर दिया है.
कोविशिल्ड वैक्सीन उम्मीदवार की मैन्यूफेक्चरिंग में भारत भागीदार है, जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. पुणे की फर्म एसआईआई देश में 17 परीक्षण स्थलों पर परीक्षण कर रही है. इसके अलावा रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड ने भारत में स्पुतनिक-5 वैक्सीन के वितरण पर सहयोग करने पर सहमति जताई है.
स्पुतनिक को रूस के गेमेल्या साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और आरडीआईएफ द्वारा विकसित किया गया था, जिसका 11 अगस्त को रजिस्ट्रेशन किया गया था. आरडीआईएफ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "आरडीआईएफ डॉ. रेड्डीज को वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा."