नयी दिल्ली, 17 सितंबर केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के प्राचीन ‘ग्रेट अंडमानी’ जनजातीय समूह के कुल 11 लोग कोरोना वासरस से संक्रमित पाए गए थे जिनमें से दो को छोड़कर शेष सभी स्वस्थ हो गए।
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में ओंगी, जारवा और शौंपेन जनजातीय समूह कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमित 11 सदस्य ग्रेट अंडमानी जनजाति के वे लोग हैं जो या तो स्वयं अथवा उनके परिवार सरकारी प्रतिष्ठानों में काम करते हैं। ग्रेट अंडमानी जाति के सभी संक्रमित लोगों में से दो को छोड़कर शेष सभी स्वस्थ हो गए हैं और अपने घरों को लौट गए हैं।’’
ग्रेट अंडमानी जनजाति के अभी लगभग 50 सदस्य जीवित हैं।
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मुंडा ने बताया कि अंडमान और निकोबार प्रशासन विशेष रूप से कमजोर इन सभी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के संरक्षण और भलाई पर विशेष ध्यान दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ओंगी आबादी की समस्त जांच में कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है। जारवा के तीन विभिन्न क्षेत्रों में भी स्थिति ‘कोविड-मुक्त’ पाई गई है। ग्रेट निकोबार द्वीप में शौंपेन भी सुरक्षित स्थिति में हैं।’’
उन्होंने बताया कि इन जनजातियों के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है और उनकी जांच को प्राथमिकता देने के सक्रिय उपायों से मामलों का पहले ही पता लगाने में सहायता मिली है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दवाइयों के वितरण, घर तक पल्स ऑक्सीमीटर निशुल्क पहुंचाना, किसी भी लक्षण-ग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराना और कोविड देखभाल सुविधाओं के साथ क्षमता को सुदृढ़ बनाने के लिए वहां कई कदम उठाए गए हैं|
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