उरुग्वे के बाद अब कनाडा में भी चरस-गांजा रखना, उगाना और बेचना हुआ लीगल
आपको यह खबर सुनकर जरुर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि कनाडा ने गांजा और चरस को कानूनी मान्यता दे दी है. ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश नहीं है बल्कि इससे पहले उरुग्वे ने भांग का इस्तेमाल करना लीगल बनाया था. कनाडा के नए कानून के तहत व्यस्कों को घर में चरस रखने, उगाने और इसे बेचने की कानूनी मंजूरी मिल गई है.
ओटावा: आपको यह खबर सुनकर जरुर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि कनाडा ने गांजा और चरस को कानूनी मान्यता दे दी है. ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश नहीं है बल्कि इससे पहले उरुग्वे ने भांग का इस्तेमाल करना लीगल बनाया था. कनाडा के नए कानून के तहत व्यस्कों को घर में चरस रखने, उगाने और इसे बेचने की कानूनी मंजूरी मिल गई है.
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को कनाडा की सीनेट ने इससे संबधित बिल सी-45 को मंजूरी दी है जिसे कैनाबिस एक्ट के नाम से जाना जायेगा. इस बिल को पहले ही हाउस ऑफ कामंस की तरफ से मान्यता मिल चुकी थी. वहीँ अब सीनेट की मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून में बदल जाएगा.
गांजा एक प्रकार का ड्रग है जो कि गांजे के पौधे से भिन्न-भिन्न विधियों से बनाया जाता है. वहीँ नारी पौधों से जो रालदार स्राव निकलता है उसी को हाथ से काछकर अथवा अन्य विधियों से संगृहीत किया जाता है. इसे ही चरस या 'सुल्फा' कहते हैं. इसका उपयोग अमूनन नशे के लिए किया जाता है. बहुत ज्यादा मात्रा में इसे लेने से दिमाग का संतुलन बिगड़ सकता है.
आज जहाँ एक तरफ विश्वभर में नशा मुक्ति के लिए कई कार्यक्रम चलाएं जा रहे है तो वहीँ इस तरह के कानून केवल युवाओं को नशे की तरफ बढ़ाएंगे और उन्हें बर्बाद कर देंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की करीब 2.5 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में गांजे का इस्तेमाल करती है.