हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान हनुमान जयंती मनाई जाती है. भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार हनुमान जी का जन्म चित्रा नक्षत्र एवं मेष लग्न के योग में माँ अंजनी की कोख से हुआ था. हिंदू धर्म शास्त्रों में हनुमान जी सबसे जागृत देव माने जाते हैं, और आज कलयुग में भी सशरीर उपस्थित होकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. हनुमान जयंती पर विधि-विधान से उनकी पूजा करने से सारे संकट दूर होते हैं, तथा घर-परिवार में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है. इस वर्ष हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी या 24 को, इस संदर्भ में कुछ भ्रांतियां हैं. आचार्य संजय शुक्ल यहां हनुमान जयंती की तिथि एवं पूजा-अनुष्ठान आदि के बारे में बता रहे हैं.
हनुमान जयंती का महत्व
सनातन धर्म के अनुयायियों द्वारा प्रत्येक वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती के अवसर पर उनकी पूजा-उपासना की जाती है. आचार्य संजय शुक्ल के अनुसार इस विशेष दिन पर हनुमान जी की पूजा करने से जातक को बल, बुद्धि, विद्या, धन, ऐश्वर्य इत्यादि की प्राप्ति होती है, तथा जीवन में आ रहे कष्ट दूर होते हैं. ग्रह-दोष आदि के निवारण के लिए भी हनुमान जयंती को के दिन को बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसके अलावा जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति कमजोर चल रही होती है, उन्हें हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की उपासना जरूर करनी चाहिए. इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं और हनुमान जी के ध्यान में मंत्र जपते हैं यह भी पढ़ें : World Heritage Day 2024: कब है विश्व विरासत दिवस? जानें इसका महत्व, इतिहास एवं इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट!
हनुमान जयंती की मूल तिथि एवं पूजा का शुभ मुहूर्त?
चैत्र पूर्णिमा प्रारंभः 03.25 AM (23 अप्रैल 2024, मंगलवार)
चैत्र पूर्णिमा समाप्तः 05.18 AM (24 अप्रैल 2024, बुधवार)
चित्रा नक्षत्रः सूर्योदय से 10.32 PM तक (23 अप्रैल 2024, मंगलवार)
पूजा का शुभ मुहूर्तः 09.05 AM से 10.45 AM के बीच
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार पूजा-पाठ के लिए उदया तिथि को प्रमुखता से माना जाता है, इस आधार पर हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. चूंकि हनुमान जी का जन्म चित्रा नक्षत्र में मंगलवार के दिन हुआ था, और सौभाग्यवश इस वर्ष 23 अप्रैल 2024 को दोनों ही योगों का संयोग बन रहा है, इसलिए भी हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जानी चाहिए 24 अप्रैल को नहीं.
हनुमान जयंती पर ऐसे करें पूजा-अर्चना
कलयुग में सबसे पूजनीय देवताओं में एक हैं बजरंग बली हनुमान जी. जीवन भर ब्रह्मचर्य का पालन करने के कारण हनुमान जी की पूजा में पवित्रता का विशेष रूप से पालन किया जाता है. इस दिन व्रत रखने वाले जातक को भी ब्रह्मचर्य का कठोरता से पालन करना चाहिए. हनुमान जयंती के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और हनुमान जी का ध्यान कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. एक चौकी पर पीले कपड़ा बिछाकर हनुमान जी के साथ श्रीराम और सीता की प्रतिमा रखें. धूप-दीप प्रज्वलित कर सर्वप्रथम भगवान श्रीराम-सीता जी की पूजा करें. इसके पश्चात हनुमान जी के निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें और पूजा शुरू करें.
'ॐ हं हनुमते नम:
हनुमान जी को लाल पुष्प, अक्षत, पान, सिंदूर, लाल चंदन, रोली एवं तुलसी दल अर्पित करें. भोग में लड्डू एवं फल चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें. इस दिन सुंदरकांड का पाठ करना भी अत्यंत फलदायी होता है. पूजा का समापन हनुमान जी की आरती से करें. इस दिन व्रत एवं नियम से पूजा करने से शारीरिक एवं मानसिक रोग खत्म होते हैं, और जीवन में चल रहे सारे संकट दूर होते हैं.