Guru Nanak Jayanti 2018: जब अमीर व्यक्ति के अहंकार को चकनाचूर कर गुरु नानक जी ने बढ़ाया था एक गरीब का मान
भागो मलिक नाम के एक अमीर शख्स ने गुरु नानक देव जी को अपने घर पर भोजन के लिए निमंत्रण दिया, लेकिन नानक जानते थे कि ये लोग गरीबों पर बहुत अत्याचार करते हैं, इसलिए उन्होंने भागो का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया और एक मजदूर के निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार कर लिया.
Guru Nanak Jayanti 2018: सिखों के पहले धर्म गुरु गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) का पर्व आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ देशभर में मनाया जा रहा है. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है. गुरु नानक देव भले ही सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं, लेकिन अन्य धर्मों में उन्हें बहुत ही सम्मान दिया जाता है. यही वजह है कि गुरु नानक जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सिख समुदाय के साथ-साथ दूसरे धर्मों के लोग भी शामिल होते हैं और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को सुनकर उन्हें अमल में लाने का प्रयास करते हैं.
आज इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं एक ऐसी दिलचस्प कथा, जिसमें गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev) ने एक अमीर व्यक्ति के अहंकार को चकनाचूर करते हुए एक गरीब का मान बढ़ाया था.
कथा के अनुसार, एक बार भागो मलिक नाम के एक अमीर शख्स ने गुरु नानक देव जी को अपने घर पर भोजन के लिए निमंत्रण दिया, लेकिन नानक जानते थे कि ये लोग गरीबों पर बहुत अत्याचार करते हैं, इसलिए उन्होंने भागो का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया और एक मजदूर के निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार कर लिया. यह भी पढ़ें: Guru Nanak Jayanti 2018 Greetings: Facebook, WhatsApp Stickers & Wishes इन शानदार मैसेजेस के बिना अधूरी है गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
गरीब (Poor) मजदूर के निमंत्रण को स्वीकार करने के कारण गुस्साए अमीर (Rich) भागो ने इसे अपना अपमान समझा और उसने गुरु नानक को खूब खरी-खोटी सुनाई और अपमानजनक शब्द कहे, लेकिन नानक ने इसका बुरा नहीं माना और उससे कहा कि तेरी कमाई पाप की कमाई है, जबकि इस मजदूर की कमाई वास्तव में मेहनत की कमाई है.
यह सुनते ही भागो भड़क उठा और आक्रोश में आकर उसने गुरु नानक से कहा कि वास्तव में तुम अव्वल दर्जे के पाखंडी हो और नीच कुल के हो, तभी तो नीच कुल वालों का ही निमंत्रण स्वीकार करते हो. इस पर गुरु नानक ने कहा-भागो, मैं वह भोजन बिल्कुल भी ग्रहण नहीं कर सकता, जिसे गरीबों का खून चूसकर तैयार किया गया हो.
इस बात को सुनते ही भागो ने फुफकारते हुए पूछा क्या मेरे स्वादिष्ट व्यंजनों से तुम्हें खून निकलता दिखाई देता है और उस मजदूर की बासी रोटियों से दूध? इस पर गुरु नानक ने कहा कि अगर तुम्हें विश्वास न हो तो खुद आजमाकर देख लो. यह भी पढ़ें: Guru Nanak Jayanti 2018: देशभर में आज मनाई जा रही है गुरु नानक जयंती, उनके इन अनमोल वचनों से संवर सकता है आपका जीवन
क्रोध से सराबोर घमंडी भागो ने अपने घर से स्वादिष्ट व्यंजन मंगवाए और नानक ने उस मजदूर के घर से बासी रोटी. तब नानक ने एक हाथ में भागो के स्वादिष्ट व्यंजन लिए और दूसरे में मजदूर के घर की बासी रोटी और दोनों हाथों को एक साथ दबाया.
यह नजारा देख रहे लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ गई, जब उन्होंने देखा कि मजदूर की बासी रोटी में से सचमुच दूध की धार निकल रही है, जबकि भागो के स्वादिष्ट व्यंजनों में से खून की धार. इस नजारे को देखने के बाद भागो का अहंकार पल भर में चकनाचूर हो गया और वह उसी क्षण गुरु नानक के चरणों में गिरकर क्षमा याचना करने लगा.