Kadambini Ganguly Google Doodle: कादंबिनी गांगुली के जन्मदिन पर गूगल ने समर्पित किया खास डूडल, जानें भारत की पहली महिला डॉक्टर का सफर
कांदबिनी गांगुली गूगल डूडल (Photo Credits: Google)

Kadambini Ganguly Google Doodle: सर्च इंजिन गूगल (Google) ने भारत की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली (Kadambini Ganguly)  के 160वें जन्मदिन पर खास डूडल (Doodle) बनाकर उन्हें समर्पित किया है. गूगल ने उनके जीवन और कार्य का सम्मान करते हुए खास डूडल बनाया है. इस स्पेशल डूडल को बेंगलुरु के कलाकार ओड्रिजा ने बनाया है. कादंबिनी गांगुली का जन्म 18 जुलाई, 1861 को भागलपुर (ब्रिटिश भारत) अब बांग्लादेश में हुआ था. साल 1883 में गांगुली और उनकी साथी चंद्रमुखी बसुइन भारतीय इतिहास में स्नातक करने वाली पहली महिला बनीं. इसके अलावा वो साल 1884 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाली पहली महिला थीं, जो 19वीं सदी के अंत के मानकों के अनुसार एक असाधारण उपलब्धि थी.

कादंबिनी गांगुली को महिला मुक्ति के लिए एक मुखर कार्यकर्ता, एक डॉक्टर और एक स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर याद किया जाता है. उनके पिता भारत के पहले महिला अधिकार संगठन के सह-संस्थापक थे और उन्होंने ही अपनी बेटी को तब स्कूल भेजा जब भारतीय महिलाओं के लिए शिक्षा असामान्य थी. गांगुली ने साल 1886 में ग्रेजुएट की उपाधि हासिल की और एक बार फिर भारतीय शिक्षित डॉक्टर बनने वाली पहली महिला के रूप में इतिहास रच दिया. यह भी पढ़ें: Sir Ludwig Guttmann Google Doodle: सर लुडविग गुट्टमन की 122वीं जयंती, गूगल ने पैरालंपिक खेलों के संस्थापक को समर्पित किया ये खास डूडल

यूनाइटेड किंगडम में काम करने और अध्ययन करने के बाद गांगुली ने स्त्री रोग में विशेषज्ञता के अलावा तीन अतिरिक्त डॉक्टरेट प्रमाणपत्र प्राप्त किए और साल 1890 में अपनी निजी चिकित्सा प्रैक्टिस के लिए भारत लौट आईं. साल 2020 में गांगुली के जीवन पर आधारित 'प्रोथोमा कादंबिनी' बॉयोग्राफी टेलीविजन सीरीज ने नई पीढ़ी को उनकी प्रेरणादायक कहानी बताकर न सिर्फ सभी को प्रेरित किया, बल्कि उनकी विरासत को एक बार फिर से जीवंत कर दिया.

कादंबिनी गांगुली ने ऐसे समय में महिलाओं की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया, जब सांस्कृतिक और सामाजिक तौर पर समाज में पुरुषों का प्रभुत्व था. वह एक प्रमुख ब्रह्म समाज नेता द्वारकानाथ गांगुली की दूसरी पत्नी थीं, उन्होंने अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद कादंबिनी से शादी की थी. इस डूडल को बनाने वाले ओड्रिजा का कहना है कि भारत में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में अपने योगदान में सबसे आगे रहने वाली युवा, उत्साही महिला का प्रतिनिधित्व करना एक बंगाली के लिए गर्व का क्षण है.