Ganga Dussehra 2024: कब शुरू हो रहा है गंगा दशहरा? जानें गंगा दशहरा का महात्म्य एवं गंगा से जुड़े 10 रोचक तथ्य!

ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भागीरथ ने अपने दस हजार पूर्वजों की शापित आत्माओं की मुक्ति हेतु मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित होने के लिए कड़ी तपस्या की थी.

Ganga Dussehra

ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भागीरथ ने अपने दस हजार पूर्वजों की शापित आत्माओं की मुक्ति हेतु मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित होने के लिए कड़ी तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा इसी दिन पृथ्वी पर उतरी थीं. ब्रह्मा के कमंडल से सीधा पृथ्वी पर अवतरित होने के कारण स्वर्ग की पवित्रता वह अपने साथ लाई थीं, इसलिए गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है. इस वर्ष 7 जून से 16 जून 2024 को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाएगा. आइये जानते हैं गंगा दशहरा के दस महत्वों के साथ पूजा विधि एवं गंगा से जुड़े अन्य रोचक तथ्यों के बारे में

गंगा दशहरा का महत्व

हिंदू धर्म ग्रंथों में गंगा दशहरा का विशेष महत्व वर्णित है. यह पर्व अपने दस शुभ वैदिक गणनाओं के विशेष माना जाता है. मान्यता है कि पतित पावनी गंगा में मनुष्य के कलुषित विचारों, असत्य, आडंबरो, व्यभिचारों और भ्रमात्मक भाषणों समेत दस पापों को धोने की क्षमता होती है. दस वैदिक गणनाओं में ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दसवीं तिथि, गुरुवार, हस्त नक्षत्र, सिद्ध योग, गंगा-आनंद योग, और कन्या राशि में चंद्रमा और वृष राशि में सूर्य शामिल है. इसलिए इसे गंगा दशहरा कहते हैं. इस पवित्र दिन गंगा में स्नान करने से जातक को मोक्ष प्राप्त होता है. इसके अलावा इस दिन नया घर, नया कार्यालय, नया वाहन अथवा गृह-प्रवेश आदि के लिए शुभ माना जाता है. यह भी पढ़ें : Dhu al-Hijjah Moon Sighting In Saudi Arabia: Bakrid 2024 कब होगी? आज शाम सऊदी अरब में दिख सकता है चांद

गंगा दशहरा पूजा विधि

गंगा दशहरा पर भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा-सागर, ऋषिकेश, हरिद्वार, प्रयागराज और वाराणसी में डुबकी लगाने और ध्यान करने हेतु उपस्थित होते हैं. गंगा में डुबकी लगाते हुए वह अपने द्वारा जाने-अनजाने किये पापों का प्रायश्चित करते हुए उनसे मुक्ति की प्रार्थना करते हैं. गंगा स्तोत्र का पाठ करते हैं. उदय होते सूर्य देव को जल और अक्षत का अर्घ्य देते हैं. माँ गंगा को दूध एवं लाल पुष्प अर्पित करते हैं. इसके बाद गरीबों एवं ब्राह्मणों को अन्न वस्त्र का दान करते हैं. मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा में डुबकियां लगाने वाले भक्तों की सारी समस्याएं देवी गंगा दूर कर देती हैं, उनके आशीर्वाद से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.

गंगा नदी से जुड़े 10 रोचक तथ्य!

* प्राचीन काल से गंगा को भागीरथी कहा जाता रहा है, क्योंकि राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार हेतु गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी.

* गंगा का मुख्य स्तोत्र हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर में स्थित है, जिसे गोमुख कहते हैं.

* भारत से बांग्लादेश में बहने वाली गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी है.

* प्रयागराज (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम (त्रिवेणी) है. यहीं पर गंगा यमुना को अपने में विलीन कर आगे बढ़ती हैं.

* गंगा का कुल क्षेत्रफल करीब 1,086,000 वर्ग मीटर है, जो भारत की कुल भूमि का एक चौथाई हिस्सा है.

* गंगा नदी हरिद्वार, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, पटना से बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक भारत की मुख्य नदी विशाल भूभाग को सींचती हैं.

* गंगा नदी के विभिन्न क्षेत्रों में डॉल्फिन, मगरमच्छ, एवं मछलियों एवं सांपों की अनेक प्रजातियां पाई जाती है.

* वैज्ञानिक मानते हैं कि गंगा के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो अन्य जीवाणुओं व हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते. जिसके कारण गंगा का पानी काफी समय तक शुद्ध रहता है.

* औद्योगिक विषैला कचरा, घरेलू कचरा और धार्मिक अनुष्ठानों के कारण गंगा का जल प्रदूषित हो गया है. इसकी साफ-सफाई के लिए ‘नमामि गंगे’ जैसी सरकारी योजनाएं चल रही हैं.

* नवंबर 2008 में भारत सरकार ने भारत की राष्ट्रीय नदी तथा प्रयागराज से हल्दिया के बीच के (1620 किमी) गंगा जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है.

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