तुलसी की पत्ती और पाउडर में कौन है ज्यादा असरकारी, आयुष मंत्रालय ने बताए लाजवाब फायदे
कोरोना वायरस को लेकर बार-बार कहा जा रहा है कि डरना नहीं है, बल्कि वायरस से लड़ने के लिए खुद के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी है और सावधानी-सतर्कता रखनी है. लेकिन अगर कोई तरल रूप में इसका प्रयोग नहीं कर पा रहा है तो इसके टेबलेट आती हैं और बाजार में आसानी से मिल जाती हैं. इसके अलावा आंवला अस्थमा के मरीज के लिए बहुत फायदा करता है.
Benefits of Tulsi: कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर बार-बार कहा जा रहा है कि डरना नहीं है, बल्कि वायरस से लड़ने के लिए खुद के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी है और सावधानी-सतर्कता रखनी है. तभी वायरस को हरा पाएंगे. हांलाकि वायरस को हराने के लिए दुनिया भर में वैक्सीन पर काम चल रहा है तो वहीं भारत में भी वैक्सीन के साथ ही आयुर्वेद की कुछ औषधियों पर भी रिसर्च चल रहा है, वायरस को शरीर से नष्ट करने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है. अब तुलसी को ही ले लीजिए, तुलसी की पत्ती ज्यादा असरकारी होती है, या पॉवडर, इस बारे में बता रहे हैं आयुष मंत्रालय के विशेषज्ञ डॉ. मनोज नेसारी.
आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. मनोज नेसारी ने प्रसार भारती से बातचीत में कहा कि वैक्सीन पर रिसर्च हो या आयुष मंत्रालय द्वारा औषधियों पर शोध, दोनों का उद्देश्य व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है. भारत में ऐसी बहुत से खाद्य पदार्थ मौजूद हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं. इसमें औषधियों के साथ ही प्रतिदिन खाने की चीजें जैसे देसी घी, छाछ, अदरक, तुलसी की पत्ती आदि कई ऐसी चीजों है जो आसानी से आस-पास मिल जाती हैं.
उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय की ओर से इम्यूनिटी के लिए कई सलाह दी गई है. जिसमें काढ़ा प्रमुख है. वहीं उन्होंने तुलसी की पत्ती घर पर न होने पर कहा कि अगर घर में तुलसी के फ्रेश पत्ते उपलब्ध नहीं हैं, तो बाजार से फ्रेश पत्ते खरीद लें और उसका प्रयोग करें, क्योंकि उसका फायदा ज्यादा होता है. लेकिन तुलसी के पाउडर का प्रयोग न करें. पत्ते ज्यादा असरकारी होते हैं.
वहीं बच्चों की इम्यूनिटी पर कहा कि बच्चों को घर का पका भोजन खिलायें, साथ में दही, छाछ, आदि देना चाहिए. इसके अलावा घी का बहुत फायदा करता है. स्ट्रीट फूट, फास्ट फूड, जंग फूड, आदि से दूर रखें. उनमें वो पोषक तत्व नही होते है, जो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाये. हमारे देश में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग खाना वहां की जलवायु के अनुसार होता है. जो काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा देर तक जगना और सुबह देर से उठना सही नहीं है. बच्चे मोबाइल गेम ही नहीं बल्कि शारीरिक गेम भी खेलें.
गिलोय दो-तीन दिन में दिखाता है असर
डॉ. मनोज नेसारी बताते हैं कि आयुष मंत्रालय की ओर से किए गए शोध में गिलोय इम्यूनिटी के लिए काफी अच्छा साबित हो रहा है. डॉ नेसारी बताते हैं कि इसमें गुरूची जिसे देसी भाषा में गिलोय कहते हैं बहुत कारगर है. इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं, यह बेल यानी लता के रुप में बढ़ता है. जब गिलोय नीम के पेड़ पर होता है तो ज्यादा अच्छा माना जाता है. ये थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन यह वो दवा है जो इम्यूनिटी बढ़ाती है. खास बात यह है कि गिलोय इनेट इम्यूनिटी और एडेप्टेड इम्यूनिटी दोनों को बढ़ाता है. इस पर रिसर्च चल रहा है कि यह कैसे यह वायरस के प्रोटीन को खत्म करता है.
गिलोय का द्रव्य काफी फायदेमंद है, माना जाता है. लेकिन अगर कोई तरल रूप में इसका प्रयोग नहीं कर पा रहा है तो इसके टेबलेट आती हैं और बाजार में आसानी से मिल जाती हैं. दो गोली सुबह शाम लेने से इम्यूनिटी बढ़ती है. इसका असर 4-6 दिन में ही दिखने लगता है. इसके अलावा जो बुजुर्ग हैं या जिन्हें कोई पहले से बीमारी है, वो भी इसे ले सकते हैं. गिलोय एक समय में कई चीजों पर काम करता है और अगर कोई डायबिटीज़ का मरीज है या किसी को खून की कमी या कोई बीमारी है तो उसे भी दूर करती है. इसके अलावा हाइपर टेंशन है या नींद नहीं आती है तो वो भी गिलोय की गोलियां ले सकते हैं.
इस दौरान उन्होंने कहा कि अस्थमा या जिन्हें सांस लेने में परेशानी होती है ऐसे मरीज को जो भी परहेज डॉक्टर ने बताये हैं, उसे पहले करें. इसके बाद देसी घी का प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा गिलोय है, सोंठ है, अश्वगंधा, मुनक्का को भिगो कर या ऐसे भी खा सकते हैं जो इम्यूनिटी बढ़ाता है. इसके अलावा आंवला अस्थमा के मरीज के लिए बहुत फायदा करता है.