World Hello Day 2019: हर साल 21 नवंबर को विश्व हैलो दिवस (World Hello Day) मनाया जाता है. विवादों को खत्म करने और ताकत या हिंसा का उपयोग किए बिना बातचीत शुरू करने के लिए अभिवादन के तौर पर हैलो यानी नमस्कार (Hello) शब्द का उपयोग किया जाता है. विश्व नमस्कार दिवस यानी वर्ल्ड हैलो डे (World Hello Day 2019) हमें यह याद दिलाता है कि अगर आप किसी संघर्ष या विवाद को हल करने की कोशिश कर रहे हैं तो संचार ही एकमात्र रास्ता है. 21 नवंबर 1973 को पहली बार विश्व हैलो दिवस मनाया गया था, जिसे योम किप्पुर (Yom Kippur) (अरब-इजरायल युद्ध या रमादान युद्ध के रूप में भी जाना जाता है) की प्रतिक्रिया के रूप में मनाया गया था.
हैलो शब्द के इतिहास पर गौर करें तो यह यह शब्द 'होला' से बना है, जो प्राचीन जर्मन भाषा का एक शब्द है और यह अभिवादन करने का एक तरीका है. जर्मनी से होते हुए यह शब्द ब्रिटेन पहुंचा और यहां अंग्रेजों ने इस शब्द को तोड़ मरोड़कर 'हालो' या 'होलो' बना दिया. इसके बाद साल 1833 में अमेरिका में द स्केचेस एंड एसेंट्रीसिटीस ऑफ कर्नल डेविड क्रॉकेट नाम की पुस्तक में हैलो शब्द का इस्तेमाल हुआ. इसी साल लंदन लिटेरी गजट में भी इस शब्द का इस्तेमाल किया गया.
धीरे-धीरे यह शब्द आम लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जाने लगा और 1860 तह यह शब्द काफी प्रचलित हो गया. अब लोग अक्सर आम बोलचाल की भाषा में हैलो शब्द का इस्तेमाल करने लगे थे. टेलीफोन पर सबसे पहले हैलो शब्द की शुरुआत थॉमस एल्वा एडिसन ने की थी, जिसके बाद यह शब्द दुनियाभर में प्रचलित हो गया.
विश्व हैलो दिवस का इतिहास
21 नवंबर 1973 में पहली बार विश्व हैलो दिवस मनाया गया था, जो अब 180 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है. दरअसल, 1973 में इजरायल और मिस्र के बीच लंबे समय से चला आ रहा संघर्ष समाप्त होते ही जिस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल किया गया था वो था हैलो. दुनिया में शांति और मित्रता का प्रसार करने के लिए विश्व हैलो दिवस की मनाने की शुरुआत की गई. यह भी पढ़ें: International Students' Day 2019: अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस 17 नवंबर को क्यों मनाया जाता है, जानें इसका महत्व और इतिहास
विश्व हैलो दिवस का महत्व
विश्व हैलो दिवस लोगों को एक-दूसरे के साथ अपनी संस्कृतियों के बारे में जानकारी साझा करने, भीड़ के बीच मेलजोल बढ़ाने और एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करता है. यह वैश्विक दिवस यह संदेश देता है कि व्यक्तिगत संचार किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए कितनी अहमियत रखता है. अंहकार, घमंड, शर्म, श्रेष्ठता, हीनता जैसी कई चीजें व्यक्ति को एक-दूसरे से संवाद करने से रोकती है, जबकि हैलो शब्द अभिवादन करने के साथ-साथ बातचीत की शुरुआत को सहज बनाने में मदद करता है.
विश्व हैलो दिवस का कोई भी आम इंसान हिस्सा बन सकता है. इस दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए सिर्फ 10 लोगों को विश्व हैलो दिवस की शुभकामनाएं भेजनी है. इस दिन का मकसद लोगों के बीच व्यक्तिगत संवाद विकसित करने की एक सराहनीय कोशिश है, जो रोजमर्रा की जिंदगी में आपसी संवाद की अहमियत को बताता है.